"चेतक": अवतरणों में अंतर

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पंक्ति 15:
 
:जो तनिक हवा से बाग हिली
:लेकर सवार उडउड़ जाता था
:राणा की पुतली फिरी नहीं
:तब तक चेतक मुडमुड़ जाता था
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:गिरता न कभी चेतक तन पर
पंक्ति 33:
:फँस गया शत्रु की चालों में
 
:बढतेबढ़ते नद सा वह लहर गया
:फिर गया गया फिर ठहर गया
:बिकरालविकराल बज्रमयवज्रमय बादल सा
:अरि की सेना पर घहर गया।
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