"देवनागरी": अवतरणों में अंतर

टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
No edit summary
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 1,574:
:: ''माल बनी बल केसबदास, सदा बसकेल बनी बलमा ॥''
 
:इस [[सवैया]] की किसी भी पंक्ति को किसी ओर से भी पढियेपढ़िये, कोई अंतर नही पड़ेगा।
:: ''सदा सील तुम सरद के दरस हर तरह खास। ''