"मैथिलीशरण गुप्त": अवतरणों में अंतर

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==काव्यगत विशेषताएँ==
गुप्त जी स्वभाव से ही लोकसंग्रही कवि थे और अपने युग की समस्याओं के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील रहे। उनका काव्य एक ओर वैष्णव भावना से परिपोषित था, तो साथ ही जागरण व सुधार युग की राष्ट्रीय नैतिक चेतना से अनुप्राणित भी था। [[लाला लाजपत राय]], [[बाल गंगाधर तिलक]], [[विपिनचंद्र पाल]], [[गणेश शंकर विद्यार्थी]] और [[मदनमोहन मालवीय]] उनके आदर्श रहे। [[महात्मा गांधी]] के भारतीय राजनीतिक जीवन में आने से पूर्व ही गुप्त जी का युवा मन गरम दल और तत्कालीन क्रान्तिकारी विचारधारा से प्रभावित हो चुका था। 'अनघ' से पूर्व की रचनाओं में, विशेषकर [[जयद्रथ वध]] और [[भारत भारती]] में कवि का क्रान्तिकारी स्वर सुनाई पड़ता है। बाद में [[महात्मा गांधी]], [[राजेन्द्र प्रसाद]], और [[विनोबा भावे]] के सम्पर्क में आने के कारण वह गांधीवाद के व्यावहारिक पक्ष और सुधारवादी आन्दोलनों के समर्थक बने।
 
गुप्त जी के काव्य की विशेषताएँ इस प्रकार उल्लेखित की जा सकती हैं -<ref>[https://www.shikshabhartinetwork.com/dayinhistory.php?eventId=3778 मैथिलीशरण गुप्त</ref>
 
*(१) राष्ट्रीयता और गांधीवाद की प्रधानता
*(२) गौरवमय अतीत के इतिहास और भारतीय संस्कृति की महत्ता
*(३) पारिवारिक जीवन को भी यथोचित महत्ता
*(४) नारी मात्र को विशेष महत्व
*(५) प्रबन्ध और मुक्तक दोनों में लेखन
*(६) शब्द शक्तियों तथा [[अलंकार|अलंकारों]] के सक्षम प्रयोग के साथ मुहावरों का भी प्रयोग
*(७) पतिवियुक्ता नारी का वर्णन
 
===राष्ट्रीयता तथा गांधीवाद===
मैथिलीशरण गुप्त के जीवन में राष्ट्रीयता के भाव कूट-कूट कर भर गए थे। इसी कारण उनकी सभी रचनाएं राष्ट्रीय विचारधारा से ओत प्रोत है। वे भारतीय संस्कृति एवं इतिहास के परम भक्त थे। परन्तु अन्धविश्वासों और थोथे आदर्शों में उनका विश्वास नहीं था। वे [[भारतीय संस्कृति]] की नवीनतम रूप की कामना करते थे।
 
गुप्त जी के काव्य में [[राष्ट्रवाद|राष्ट्रीयता]] और [[गांधीवाद]] की प्रधानता है। इसमें भारत के गौरवमय अतीत के इतिहास और [[भारतीय संस्कृति]] की महत्ता का ओजपूर्ण प्रतिपादन है। आपने अपने काव्य में पारिवारिक जीवन को भी यथोचित महत्ता प्रदान की है और नारी मात्र को विशेष महत्व प्रदान किया है। गुप्त जी ने [[प्रबंध काव्य]] तथा [[मुक्तक काव्य]] दोनों की रचना की। शब्द शक्तियों तथा अलंकारों के सक्षम प्रयोग के साथ मुहावरों का भी प्रयोग किया है।