"मैथिलीशरण गुप्त": अवतरणों में अंतर

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==सन्दर्भ==
{{टिप्पणीसूची}}
 
== टिप्पणी ==
<div style=font-size:100%;>
&nbsp;&nbsp;&nbsp;'''क.'''&nbsp;&nbsp;&nbsp; {{Note_label|त्रिपथगा|क|none}}महाभारत कथानक के आधार पर लिखे तीन खंडकाव्य ''वन-वैभव'', ''वकसंहार'' और ''सैरन्ध्री'' '''''त्रिपथगा''''' नामक ग्रन्थ में संग्रहीत हैं।
<div style=font-size:100%;> &nbsp;&nbsp;&nbsp;'''ख.'''&nbsp;&nbsp;&nbsp; {{Note_label|दिवोदास|ख|none}} '''''दिवोदास''''' ''पृथ्वीपुत्र'' का एक अंश है।
<div style=font-size:100%;> &nbsp;&nbsp;&nbsp;'''ग.'''&nbsp;&nbsp;&nbsp; {{Note_label|लीला|ग|none}} ''साकेत'' महाकाव्य रामायण की कथानक की पूर्ति हेतु '''''लीला''''' की रचना हुई।
<div style=font-size:100%;> &nbsp;&nbsp;&nbsp;'''घ.'''&nbsp;&nbsp;&nbsp; {{Note_label|रुबाइयात उमर खय्याम|घ|none}} मैथिलीशरण गुप्त ने [https://en.m.wikipedia.org/wiki/Edward_FitzGerald_(poet) एडवर्ड फिट्जगेराल्ड] द्वारा किए गए '''रुबाइयात उमर खय्याम''' के आंग्लिक अनुवाद का हिन्दी पद्यानुवाद किया था।
 
== इन्हें भी देखें ==