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[[चित्र:Karonda.JPG|thumb|करोंदा का पौधा]]
'''करोंदा''' एक झाड़ी नुमा पौधा होता है। इसको अंग्रेज़ी में बीटरूट (Beetroot) कहते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम'' कैरिसा कैरेंडस'' (''Carissa carandus'') है। करोंदा फलों का उपयोग सब्जी और [[अचार]] बनाने में किया जाता है। यह पौधा [[भारत]] में [[राजस्थान]], [[गुजरात]], [[उत्तर प्रदेश]] और [[हिमालय]] के क्षेत्रों में पाया जाता है। यह [[नेपाल]] और [[अफगानिस्तान]] में भी पाया जाता है।
[[चित्र:Karonda fruit.JPG|thumb|करोंदा फल]]
यह पौधा बीज से [[अगस्त]] या [[सितम्बर]] में १.५ मीटर की दूरी पर लगाया जाता है। कटिंग या बडिंग से भी लगाया जा सकता है। दो साल के पौधे में [[फल]] आने लगते हैं। [[फूल]] आना [[मार्च]] के महीने में शुरू होता है और [[जुलाई]] से सितम्बर के बीच फल पक जाता है।
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== उपयोग ==
कच्चेपके हुए करौंदे खाने में बहुत अच्छे लगते हैं। करौंदे का अचार भी बहुत अच्छा होता है। इसकी लकड़ी जलाने के काम आती है। एक विलायती करौंदा भी होता है, जो भारतीय बगीचों में पाया जाता है। इसका फल थोड़ा बड़ा होता है और देखने में सुन्दर भी। इस पर कुछ सुर्खी-सी होती है। इसी को आचार और चटनी के काम में ज्यादा लिया जाता है। भारत के कुछ गाँव में इसकी सब्जी बनाकर भी खाई जाती है।
 
करोंदा भूख बढ़ाता है और पित्त को शान्त करता है। प्यास को रोकता है, दस्तों को बन्द करता है। खासकर पैत्तिक दस्तों के लिये तो अत्यन्त ही लाभदायक चीज है कच्चे करोंदा भूख को बढ़ाते है, भारी होते है, मल को रोकते है और रूची को उत्पन्न करते है और पके हुए हल्के, रीगल, पित्त, रक्त, पित्त त्रिदोष और विष तथा वात विनाशक है।
== करोंदे का उपयोग ==
करोंदे का उपयोग आप बहुत तरह से कर सकते हैं। करोंदे की चटनी बनाई जाती है, इसका जैम भी बनाया जाता है। आप [http://jhatpatrasoi.com/chutney-recipe/karonda-pickle-recipe/ करोंदे का अचार] भी बना सकते है। और आजकल तो इससे जूस भी बनाया जाता है।
 
nce :
Reference :
 
1) http://jhatpatrasoi.com