"तेरे घर के सामने": अवतरणों में अंतर

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== संक्षेप ==
वर्षों की प्रतिद्वंद्विता के बाद, दो धनी पुरुष, लाला करमचंद और लाला जगन्नाथ, अपने व्यक्तिगत बंगले बनाने का फैसला करते हैं। परेशानी यह है: दोनों बंगलों के लिए वास्तुकार लाला जगन्नाथ का बेटा राकेश कुमार ([[देव आनन्द]]) हैं और बंगले एक दूसरे के विपरीत स्थित हैं। मामलों को उलझाने के लिए, राकेश और करमचंद की बेटी सुलेखा ([[नूतन]]) को प्यार हो गया।
 
हालांकि, लाला जगन्नाथ और सेठ करमचंद दोनों को पता चल जाता है और उनकी आँखों में शादी असंभव है। उनकी दुश्मनी उनके बच्चों के प्यार के बीच एक बाधा है और राकेश और सुलेखा उन्हें मनाने की कोशिश करते हैं। फिर राकेश आखिरकार उन्हें समझाने में कामयाब हो जाता है और वे एक-दूसरे को गले लगाते हैं। यह देखते हुए राकेश और सुलेखा ने एक-दूसरे को गले लगाया। राकेश ने जिन दो घरों का निर्माण किया था, उनके उद्घाटन में उन दोनों की शादी हो जाती है।
 
== मुख्य कलाकार ==
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* परवीन चौधरी — मोतिया
* प्रतिमा देवी — सुलेखा की माँ
* [[हरींद्रनाथ चट्टोपाध्याय]] — सेठ करम चंदकरमचंद
* [[मुमताज़ बेग़म]] — राकेश की माँ
* [[ओम प्रकाश]] — लाला जगन्नाथ
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== नामांकन और पुरस्कार ==
 
== बाहरी कड़ियाँ ==