"जहाँगीर": अवतरणों में अंतर
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'''जहाँगीर''' [[अकबर]] के पुत्र थे। सलीम, मुराद और दानियाल (मुग़ल परिवार)। मुराद और [[दानियाल]] पिता के जीवन में शराब पीने की वजह से मर चुके थे। जँहागिर का प्रथम विवाह 1585 ई. में मानबाई से हुआ जो आमेर के राजा भगवानदास की पुत्री व मान सिंह की बहन थी। इसके बाद उनका दूसरा विवाह मारवाड़ के राजा उदयसिंह की पुत्री जगतगोसाई (जोधाबाई) से हुआ। सलीम अकबर की मृत्यु पर
1605 ई. में उसके सबसे बड़े बेटे ख़ुसरो ने विद्रोह कर दिया। और आगरे से निकलकर पंजाब तक जा पहुंचा। जहांगीर ने उसे हराया. सिखों के 5वें गुरु अर्जुन देव जो ख़ुसरो की मदद कर रहे थे, को फांसी दे दी गयी। १६१४ ई. में राजकुमार खुर्रम ''शाहजहां'' ने मेवाड़ के राणा अमर सिंह को हराया। १६२० ई. में कानगड़ह स्वयं जहांगीर ने जीत लिया। १६२२ ई. में कंधार क्षेत्र हाथ से निकल गया। जहांगीर ही समय में अंग्रेज सर 'टामस रो' राजदूत द्वारा, पहली बार भारतीय व्यापारिक अधिकार करने के इरादे से आया। १६२३ ई. में खुर्रम ने विद्रोह कर दिया। क्योंकि नूरजहाँ अपने दामाद शहरयार को वली अहद बनाने की कोशिश कर रही थी। अंत 1625 ई. में बाप और बेटे में सुलह हो गई।<ref>{{cite book |last1=Hindustan) |first1=Jahangir (Emperor of |title=Jahān̐gīranāmā |date=1990 |publisher=Nāgarīpracāriṇī Sabhā |url=https://books.google.co.in/books?id=e4AcAAAAIAAJ&q=%E0%A4%A8%E0%A5%82%E0%A4%B0%E0%A5%81%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%A6%E0%A5%80%E0%A4%A8+%E0%A4%B8%E0%A4%B2%E0%A5%80%E0%A4%AE+%E0%A4%9C%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%81%E0%A4%97%E0%A5%80%E0%A4%B0&dq=%E0%A4%A8%E0%A5%82%E0%A4%B0%E0%A5%81%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%A6%E0%A5%80%E0%A4%A8+%E0%A4%B8%E0%A4%B2%E0%A5%80%E0%A4%AE+%E0%A4%9C%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%81%E0%A4%97%E0%A5%80%E0%A4%B0&hl=en&sa=X&ved=0ahUKEwihy6zqpsPcAhWGpo8KHYdnD5MQ6AEIVDAH |accessdate=29 जुलाई 2018 |language=hi}}</ref>
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