"इन्दौर": अवतरणों में अंतर
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'''इन्दौर'''
इन्दौर भारत का एकमात्र शहर है, जहाँ [[भारतीय प्रबंध संस्थान इंदौर|भारतीय प्रबन्धन संस्थान]] (आईआईएम इन्दौर) व [[भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान इंदौर|भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान]] (आईआईटी इन्दौर) दोनों स्थापित हैं। [[मालवा|मालवा पठार]] के दक्षिणी छोर पर स्थित इंदौर शहर, राज्य की राजधानी [[भोपाल]] से १९० किमी पश्चिम में स्थित है। भारत की २०११ जनगणना, के अनुसार २१,६७,४४७<ref name = "इंदौर की जनगणना के आँकड़े">{{cite web| url = http://www.censusindia.gov.in/2011-prov-results/paper2/data_files/India2/Table_3_PR_UA_Citiees_1Lakh_and_Above.pdf | title = Urban Agglomerations/Cities having population 1 lakh and above |work= Provisional Population Totals, Census of India 2011 | publisher = |accessdate = 14 मार्च 2016 | }}</ref>
लोगों की आबादी सिर्फ ५३० वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में वितरित है। यह मध्यप्रदेश में सबसे अधिक घनी आबादी वाले प्रमुख शहर है। यह भारत में टीयर-2 शहरों के अन्तर्गत आता है। इंदौर महानगरीय क्षेत्र (शहर व आसपास के इलाके) की आबादी २१ लाख लोगों के साथ राज्य में सबसे अधिक है।
यह एक औद्योगिक शहर है, और भारत का तीसरा सबसे
प्रधानमंत्री [[नरेंद्र मोदी]] के "स्मार्ट सिटी मिशन" में १०० भारतीय शहरों को चयनित किया गया है जिनमें से
[[ब्रिटिश राज]] के दिनों में, [[इन्दौर रियासत]] एक १९ गन सेल्यूट (स्थानीय स्तर पर २१) [[रियासत]] था, जो की उस समय एक दुर्लभ उच्च श्रेणी थी। अंग्रेजी काल के दौरान में भी यह होलकर राजवंश द्वारा शासित रहा। भारत के स्वतंत्र होने के कुछ समय बाद, यह भारत अधिराज्य में विलय कर दिया गया। इंदौर १९५० से १९५६ तक [[मध्य भारत]] की राजधानी के रूप में भी रहा।▼
==नाम व्युत्पत्ति==▼
▲यह एक औद्योगिक शहर है, और भारत का तीसरा सबसे पुराने शेयर बाजार, मध्यप्रदेश स्टॉक एक्सचेंज इंदौर में स्थित है। यहाँ लगभग ५,००० से अधिक छोटे-बडे उद्योग हैं। यह सारे मध्य प्रदेश में सबसे अधिक वित्त पैदा करता है। [[पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र]] में ४०० से अधिक उद्योग हैं और इनमे १०० से अधिक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के उद्योग हैं। पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र के प्रमुख उद्योग व्यावसायिक वाहन बनाने वाले व उनसे सम्बन्धित उद्योग हैं।
[[उज्जैन]] पर विजय पाने की राह में, राजा इंद्र सिंह ने ''काह्न'' नदी (आधुनिक नाम ''' कान '''(Kahn) और विकृत नाम ''खान'') के निकट एक शिविर रखी और वे इस जगह की प्राकृतिक हरियाली से बहुत प्रभावित हुए।▼
▲प्रधानमंत्री [[नरेंद्र मोदी]] के "स्मार्ट सिटी मिशन" में १०० भारतीय शहरों को चयनित किया गया है जिनमें से इंदौर भी एक स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। <ref>http://www.firstpost.com/business/why-only-98-cities-instead-of-100-announced-all-questions-answered-about-smart-cities-project-2410576.html</ref> स्मार्ट सिटी मिशन के पहले चरण के अंतर्गत २० शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जायेगा और इंदौर भी इस प्रथम चरण का हिस्सा है। <ref>{{cite web|url=http://www.thehindu.com/news/national/list-of-first-20-smart-cities-under-smart-cities-mission/article8162775.ece|title= स्मार्ट सिटी मिशन के तहत पहले २० स्मार्ट शहरों की सूची | प्रकाशक = द हिन्दू | accessdate = 16 फ़रवरी 2016}}</ref> [[स्वच्छ सर्वेक्षण २०१७|२०१७ के स्वच्छ सर्वेक्षण]] से लगातार तीन बार के परिणामों में इन्दौर '''भारत का सबसे स्वच्छ नगर''' रहा है।<ref>[https://www.patrika.com/story/india/swachh-bharat-rankings-indore-and-bhopal-are-in-top-two-cities-in-the-list-2564301.html स्वच्छता सर्वेक्षण]</ref><ref>[https://www.jagran.com/news/national-learn-from-indore-how-a-city-becomes-garbage-free-17556570.html स्वच्छ शहर के मामले में इंदौर ने मारी बाजी, सीखें इससे कैसे बनता है कोई शहर कचरामुक्त</ref><ref>{{cite news |title=स्वच्छता सर्वेक्षण 2019: इंदौर ने लगाई हैट्रिक, उत्तराखंड का गौचर ‘सर्वश्रेष्ठ गंगा शहर' |url=https://www.jagran.com/news/national-swachh-survekshan-2019-indore-cleanest-city-uttarakhands-gauchar-best-ganga-town-19018665.html |accessdate=6 मार्च 2019 |publisher=जागरण |date=2019}}</ref>
इस प्रकार वह नदियों ''काह्न'' और सरस्वती के संगम की जगह पर एक [[शिवलिंग]] रखी और
▲==व्युत्पत्ति==
▲[[उज्जैन]] पर विजय पाने की राह में, राजा इंद्र सिंह ''काह्न'' नदी (आधुनिक नाम ''' कान '''(Kahn) और विकृत नाम ''खान'') के निकट एक शिविर रखी और वे इस जगह की प्राकृतिक हरियाली से बहुत प्रभावित हुए।
▲इस प्रकार वह नदियों ''काह्न'' और सरस्वती के संगम की जगह पर एक [[शिवलिंग]] रखी और इंद्रेश्वर मंदिर का निर्माण प्रारंभ किया। साथ ही ''इंद्रपुर'' की स्थापना की गई। कई वर्षों बाद जब [[पेशवा]] बाजीराव-१ द्वारा, [[मराठा साम्राज्य|मराठा शासन]] के तहत, इसे [[मराठा]] सूबेदार 'मल्हार राव होलकर' को दिया गया था तब से इसका नाम ''इंदूर'' पड़ा। [[ब्रिटिश राज]] के दौरान यह नाम अपने वर्तमान रूप '''इंदौर''' में बदल गया था।
==इतिहास==
[[चित्र:Tookajee Rao Holkar.jpg|thumb|तुकाजी राव होल्कर II, इन्दौर, १८५७]]
१६वीं सदी के [[दक्कन]] (दक्षिण) और [[दिल्ली]] के बीच एक व्यापारिक केंद्र के रूप में इन्दौर का अस्तित्व था। १७१५ में स्थानीय जमींदारों ने इन्दौर को नर्मदा नदी घाटी मार्ग पर व्यापार केन्द्र के रूप में बसाया था।
मध्य प्रदेश में स्थित प्रसिद्ध शहर इन्दौर को अठारहवीं सदी के मध्य में मल्हारराव होल्कर द्धारा स्थापित किया गया था। होल्कर ने दूसरे पेशवा बाजीराव प्रथम की ओर से अनेक लड़ाइयाँ जीती थीं। १७३३ में बाजीराव पेशवा ने इन्दौर को मल्हारराव होल्कर को पुरस्कार के रूप में दिया था। उसने [[मालवा]] के दक्षिण-पश्चिम भाग में अधिपत्य कर होल्कर राजवंश की नींव रखी और इन्दौर को अपनी राजधानी बनाया। उसकी मृत्यु के पश्चात दो अयोग्य शासक गद्दी पर बैठे, किंतु तीसरी शासिका अहिल्या बाई (१७५६-१७९५ ई.) ने शासन कार्य बड़ी सफलता के साथ निष्पादित किया। जनवरी १८१८ में इन्दौर ब्रिटिश शासन के अधीन हो गया। यह ब्रिटिश मध्य भारत संस्था का मुख्यालय एवं मध्य भारत की ग्रीष्मकालीन राजधानी (१९५४-५६) था। इन्दौर में होल्कर नरेशों के प्रासाद उल्लेखनीय हैं।▼
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▲[[ब्रिटिश राज]] के दिनों में, [[इन्दौर रियासत]] एक १९ गन सेल्यूट (स्थानीय स्तर पर २१) [[रियासत]] था, जो की उस समय एक दुर्लभ उच्च श्रेणी थी। अंग्रेजी काल के दौरान में भी यह होलकर राजवंश द्वारा शासित रहा। भारत के स्वतंत्र होने के कुछ समय बाद, यह भारत अधिराज्य में विलय कर दिया गया। इंदौर १९५० से १९५६ तक [[मध्य भारत]] की राजधानी के रूप में भी रहा।
===मराठा राज (होलकर युग)===
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