"आंत्र ज्वर": अवतरणों में अंतर

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3.उपचार:-विडाल परीक्षण
 
== लक्षण<ref>{{Cite web|url=https://www.nirogikaya.com/2015/05/typhoid-fever-causes-symptoms-treatment-hindi.html|title=टाइफाइड के लक्षण|last=डॉ पारितोष त्रिवेदी|first=|date=|website=|archive-url=|archive-date=|dead-url=|access-date=}}</ref>==
== लक्षण ==
[[Image:Fievre typhoide.png|thumb|right|250px|आंत्र ज्वर का विश्व में प्रभाव क्षेत्र<br /><font color="#FF0000" size="+1">♦</font>&nbsp;उच्च स्तरीय <br />
<font color="#E08040" size="+1">♦</font>&nbsp;मध्यम
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पीने के पानी को पीने से पहले एक मिनट तक उबाल कर पीएं। यदि बर्फ, बोतल के पानी या उबले पानी से बनी हुई न हो तो पेय पदार्थ बिना बर्फ के ही पीएं। स्वादिष्ट बर्फीले पदार्थ न खाएं जो कि प्रदूषित पानी से बने हो सकते हैं। पूरी तरह पकाए और गर्म तथा वाष्प निकलने वाले खाद्य पदार्थ ही खाएं। कच्ची ऐसी साग सब्जियां और फल न खाएं जिन्हें छीलना संभव न हो। सलाद वाली सब्जियाँ आसानी से प्रदूषित हो जाती है। जब छीली जा सकने वाली कच्ची सब्जियां या फल खाएं तो स्वयं उन्हें छीलकर खाएं। (पहले हाथ साबुन से धो लें) छिलके न खाएं। जिन दुकानों/स्थानों में खाद्य पदार्थ/पेय पदार्थ साफ सुथरे न रखे जाते हों, वहां से लेकर न खाएं और न पीएं। पानी हमेशा उबालकर ही पीयें ।<ref>https://www.mtatva.com/hi/disease-facts/typhoid-prevention-in-hindi/ टाइफाइड: रोकथाम और जटिलताएं</ref>
 
== टीकाकरण<ref>{{Cite web|url=https://www.nirogikaya.com/2015/05/typhoid-fever-causes-symptoms-treatment-hindi.html|title=टाइफाइड का उपचार|last=डॉ पारितोष त्रिवेदी|first=|date=|website=|archive-url=|archive-date=|dead-url=|access-date=}}</ref>==
== टीकाकरण ==
इसके रोकथाम के लिए एकमात्र उपचार टीकाकरण है। फिर भी कई सालो के बाद आंत्र ज्वर (टाइफायड) के टीकों का प्रभाव जाता रहता है। यदि पहले टीका लगवाया हो तो आपने डॉक्टर से जांच करवा लें कि क्या वर्धक टीका लगवाने की आवश्यकता तो नहीं है। रोग प्रतिरक्षी दवाइयां आंत्र ज्वर (टाइफायड) को रोक नहीं सकती है, वे केवल उपचार में सहायक सिद्ध हो सकती हैं।
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उपचारः
टाइफाइड पैदा करने वाले साल्मोनेला बैकटीरिया को एंटीबॉयोटिक दवाओं से खत्म किया जाता है। हालांकि कुछ मामलों में लंबे समय तक एंटीबॉयटिक दवाओं के इस्तेमाल से टाइफाइड के जीवाणु एंटीबॉयोटिक दवाओं के प्रति प्रतिरोधी (रेजिस्टेंट) हो जाते हैं। इस स्थिति से बचने के लिए योग्य डॉक्टर के परामर्श के अनुसार ही चिकित्सा कराएं। टाइफाइड बुखार का समय पर उपचार ना करने से आंत में छेद भी हो सकता जिसमे रोगी व्यक्ति की हालत गंभीर हो सकती है और तुरंत शल्य क्रिया (ऑपरेशन) भी कराना पड़ता हैं।
 
टाइफाइड की स्थिति में रोगी के शरीर में पानी की कमी न होने पाए, इसके लिए पीडि़त व्यक्ति को पर्याप्त मात्रा में पानी और पोषक तरल पदार्थ लेना चाहिए। रोगी को हल्का आसानी से पांच सके ऐसा आहार देना चाहिए।
 
== बाहरी कड़ियाँ ==
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jishan khan
[[श्रेणी:जीवाणु रोग|ज्वर, आंत्र]]
[[श्रेणी:ज्वर|ज्वर, आंत्र]]