"गुरु अर्जुन देव": अवतरणों में अंतर

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'''तेरा कीआ मीठा लागे॥ हरि नामु पदारथ नानक मांगे॥'''[[गुरबानी]]
 
16 मई 1606 को, गुरु साहिब के पवित्र शरीर को रावी नदी के तट पर ले जाया गया और रावी नदी में उनका अंतिम संस्कार किया गया। यह स्थान अब [[पाकिस्तान]] में है। यहां [[गुरुद्वारा डेरा साहिब]] स्थित है।
 
== गुरू ग्रंथ साहिब जी में दर्ज गुरबानी ==