"गुरु अर्जुन देव": अवतरणों में अंतर

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== जीवन ==
गुरू अर्जुन देव जी [[गुरु राम दास]] जी के सुपुत्र थे। उनकी माता का नाम [[बीबी भानी जी]] था। [[गोइंदवाल साहिब]] में उनका जन्म 15 अप्रैल 1563 को हुआ
आप जी का पालन पोषण पिता [[गुरू राम दास]] जी और नाना [[गुरू अमरदास]] जी की देख रेख में हुआ जिसके चलते दैवीय गुण आपको विरासत में मिले। गुरू अमरदास जी से आप ने गुरमुखी की गांव की धर्मशाला से देवनागरी लिपि की [[पंडितभक्त बेनी]] जी से संस्कृति की मामा [[मोहरी जी]] से गणित की तथा दूसरे मामा [[मोहन जी]] से [[ध्यान]] लगाने की विद्या प्राप्त की।
बचपन में हि आप जी को गुरू अमरदास जी ने [[वरदान]] दे दिया था '''दोहता बानी का बोहथा''' इसी कारण आपको '''बानी का जहाज''' भी कहा जाता है