"उल्लाला": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
No edit summary टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
||
पंक्ति 1:
{{poetic metre}}
{{for|कर्नाटक के शहर|उल्लाल}}
'''''उल्लाला''''' छन्द हिन्दी [[छन्दशास्त्र]] का एक पुरातन [[छन्द]] है। <ref>{{cite web|url=http://www.divyanarmada.in/2013/01/blog-post_9864.html?m=1|title=छन्द सलिला : उल्लाला संजीव सलिल|work=divyanarmada.in|accessdate=1 May 2019}} </ref> इसकी स्वतंत्र रूप से कम ही रचना की गई है। वीरगाथा काल में उल्लाला तथा रोला को मिलाकर छप्पय की रचना किये जाने से इसकी प्राचीनता प्रमाणित है। इसका एक उदाहरण निम्न है:-
|