"शिव": अवतरणों में अंतर
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{{निबंध|date=नवम्बर 2016}}
{{ज्ञानसन्दूक देवी देवता
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| Mount = [[नन्दी|नंदी]]
| Siblings = [[सरस्वती]]
|Progeny = [[कार्तिकेय]] ,
[[गणेश
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'''शिव''' या '''महादेव'''आरण्य संस्कृति जो आगे चल कर सनातन संस्कृति के नाम से जाने जाती है में सबसे महत्वपूर्ण देवताओं में से एक है। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव महादेव भी कहते हैं। इन्हें भोलेनाथ, [[शिव|शंकर]], महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है। तंत्र साधना में इन्हे भैरव के नाम से भी जाना जाता है।<ref>{{उद्धृत अंतर्जाल|title=तस्वीरों के जरिए जानें, भगवान शिव के ये आभूषण देते हैं किन बातों का संदेश|url=https://www.jagran.com/photogallery/religion-suvichar-significance-of-lord-shiva-ornaments-25392.html|date=13-11-2017|author=संजय पोखरियाल|Publisher=दैनिक जागरण}}</ref> [[हिन्दू]] धर्म के प्रमुख [[देवता]]ओं में से हैं। [[वेद]] में इनका नाम [[रुद्र]] है। यह व्यक्ति की चेतना के अन्तर्यामी हैं। इनकी अर्धांगिनी ([[शक्ति]]) का नाम [[पार्वती]] है। इनके पुत्र [[कार्तिकेय]] और [[गणेश]] हैं, तथा पुत्री [[अशोक सुंदरी]] हैं। शिव अधिक्तर चित्रों में [[योगी]] के रूप में देखे जाते हैं और उनकी [[पूजा]] [[शिवलिंग|शिवलिंग]] तथा मूर्ति दोनों रूपों में की जाती है। शिव के गले में [[नाग]] देवता विराजित हैं और हाथों में डमरू और [[त्रिशूल]] लिए हुए हैं। कैलाश में उनका वास है। यह शैव मत के आधार है। इस मत में शिव के साथ शक्ति सर्व रूप में पूजित है।<ref>{{उद्धृत अंतर्जाल|url=http://timesspeak.com/भगवान-शिव-के-इन-गुणों-को-अप/|title=भगवान शिव के इन गुणों को अपनाएंगे तो आपका जीवन सफल हो जाएगा।|date=13-02-2018|author=हिमान्शु जी शर्मा}}</ref>
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