"सवैया": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
No edit summary टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
No edit summary टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
||
पंक्ति 14:
:हाथ की फीकी पड़ी मेंहदी, अब पाँव महावर छूट गया री।
:काहे वियोग मिला अइसा, मछरी जइसे तड़पे है जिया री
:आए पिया नहि बीते कई दिन, जोहत बाट खड़ी
|