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'''लीला नायडू''' ([[१९४०]]-[[२८ जुलाई]], [[२००९]]) [[हिन्दी चलचित्र]] की पुरानी [[अभिनेत्री]] रही हैं। ये [[१९५४]] में [[मिस इंडिया]] भी रही हैं। इन्हें [[मधुबाला]] एवं [[सुचित्रा सेन]] के अपवाद को छोड़कर अपने समय में किसी भी हिन्दी फिल्म अभिनेत्री से अधिक सुंदर कहा गया है।<ref name="टाइम्स">{{cite news |first= |last= |authorlink= |author= |coauthors= |title= शी पुट इंडिया ऑन द ब्यूटी मैप|trans_title= |url= |format= समाचार पत्र|agency= द टाइम्स ऑफ इंडिया|work= |publisher= टाइम्स न्यूज़ नेटवर्क|location= मुंबई|id= |pages= ०१|page= १५|date=२९ जुलाई, २००९ |accessdate=[[२९ जुलाई]], [[२००९]] |language=अंग्रेज़ी |quote= |archiveurl= |archivedate= }}</ref> इन्हें १९५४ में ही वॉग पत्रिका द्वारा [[गायत्री देवी]] के साथ विश्व की दस सर्वश्रेष्ठ सुंदरियों में शामिल किया गया। इनके पिता प्रख्यात भारतीय वैज्ञानिक रमैया नायडू ([[आंध्र प्रदेश]]) से एवं माता [[आयरलैंड|आयरिश]] थीं। [[हिन्दी सिनेमा|हिन्दी फिल्मों]] में लीला नायडू का सफर [[१९६०]] में [[ऋषिकेश मुखर्जी]] द्वारा बनाई गई फिल्म [[अनुराधा (1960 फ़िल्म)|अनुराधा]] से शुरू हुआ। १९६३ में [[आर के नैय्यर]] द्वारा निर्देशित फिल्म [[ये रास्ते हैं प्यार के (1963 फ़िल्म) |ये रास्ते हैं प्यार के]] ने इन्हें ख्याति दिलाई, फिल्म में [[सुनील दत्त]] के साथ उन्होंने प्रमुख भूमिका निभाई थी। इसी साल मर्चेंट आइवोरी प्रोडक्शन द्वारा निर्मित फिल्म 'द हाउसहोल्डर' में अभिनय किया, जिसका निर्देशन जेम्स आइवोरी ने किया था। [[१९६९]] में [[द गुरु (1969 फ़िल्म)|द गुरू]] फिल्म में काम करने के बाद [[हिन्दी सिनेमा|फिल्मी दुनिया]] को अलविदा कह होटल व्यवसायी तिलक राज ओबराय (टिक्की ओबराय) से शादी कर ली। बाद में दोनों में तलाक हो गया।<ref>{{cite news |first= हिन्दुस्तान |last= दैनिक|authorlink= |author= |coauthors= |title= लीला नायडू का निधन|trans_title= |url= |format= समाचार पत्र|agency= आई ए एन एस|work= |publisher= खिन्दुस्तान दैनिक|location= मुंबई|id= |pages= ०१|page= १५|date=२९ जुलाई, २००९ |accessdate=[[२९ जुलाई]], [[२००९]] |language=अंग्रेज़ी |quote= |archiveurl= |archivedate= }}</ref>
 
कुछ समय बाद इन्होंने अपने बचपन के मित्र और साहित्यकार [[डॉम मॉरिस]] से शादी कर लियाली एवं [[हांग कांग]] चली गईं। दस वर्ष वहांवहाँ बिताने के बाद फिर [[भारत]] वापस आ गईं। [[१९८५]] में [[श्याम बेनेगल]] की फिल्म [[त्रिकाल (1985 फ़िल्म)|त्रिकाल]] से इन्होंने हिंदी फिल्मी दुनिया में फिर प्रवेश किया। [[१९९२]] में प्रदीप कृष्णन द्वारा निर्देशित फिल्म 'इलेक्ट्रिक मून' में इन्होंने आखिरी बार अभिनय किया था।
लंबी बीमारी के बाद [[मुंबई]] में [[२८ जुलाई]], [[२००९]] को इनकी मृत्यु हो गई।<ref name="टाइम्स"/><ref>[http://ibnlive.in.com/news/yesteryear-actor-leela-naidu-dead/98035-8.html लीला नायडू इज़ डेड] [[आईबीएन लाइव]], [[२८ जुलाई]], [[२००९]].</ref>