"लीलावती": अवतरणों में अंतर
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{{अन्य प्रयोग | प्राचीन भारतीय गणित ग्रन्थ }}
'''लीलावती''', भारतीय गणितज्ञ [[भास्कराचार्य|भास्कर द्वितीय]] द्वारा सन ११५० ईस्वी में [[संस्कृत]] में रचित, [[गणित]] और [[खगोल शास्त्र]] का एक प्राचीन ग्रन्थ है, इसमें 625 श्लोक हैं साथ ही यह [[सिद्धान्त शिरोमणि]] का एक अंग भी है। लीलावती में [[अंकगणित]] का विवेचन किया गया है।
'लीलावती', भास्कराचार्य की पुत्री का नाम था। इस ग्रन्थ में पाटीगणित ([[अंकगणित]]), [[बीजगणित]] और [[ज्यामिति]] के प्रश्न एवं उनके उत्तर हैं। प्रश्न प्रायः लीलावती को सम्बोधित करके पूछे गये हैं। किसी गणितीय विषय (प्रकरण) की चर्चा करने के बाद लीलावती से एक प्रश्न पूछते हैं। उदाहरण के लिये निम्नलिखित श्लोक देखिये-
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