"खेल द्वारा शिक्षा": अवतरणों में अंतर

No edit summary
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
छो 2405:204:A2A5:6691:A085:DAAC:2DEC:5351 (Talk) के संपादनों को हटाकर हिंदुस्थान वासी के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया
टैग: वापस लिया SWViewer [1.2]
पंक्ति 294:
 
==खेल की समृद्धि==
शिक्षक को जब खेल में मदद करने की सलाह देते हैं तो इसका तात्पर्य यह नहीं कि वे स्वयं बच्चों के साथ खेलें या उनके समूह का एक सदस्य बन कर खेल का संचालन करें। याद, रखें, खेल के लिये बच्चे का सक्रिय और उत्साहित होना जरूरी है। बच्चे विभिन्न कारणों से खेलते हैं। वैसा वयस्कों के साथ उनके आदान-प्रदान में नहीं होता है। एक वयस्क के साथ आदान-प्रदान बच्चे को अधीनता की भूमिका में रख देता है। शिक्षक चाहे जो भी करेqwfgjfxb"pकरे, बच्चा एक बच्चा ही बना रहता है। खेल में बच्चे अनेक भूमिकाएँ अपनाते और आजमाते हैं। शिक्षक यदि खेल में कुछ ज्यादा ही अगुआई करता है तो बच्चे को कभी इस बात का मौका नहीं मिलता कि नाटक (pretend) करें।
1 1q Alvin lchkljgkfifhfugfgzh, बच्चा एक बच्चा ही बना रहता है। खेल में बच्चे अनेक भूमिकाएँ अपनाते और आजमाते हैं। शिक्षक यदि खेल में कुछ ज्यादा ही अगुआई करता है तो बच्चे को कभी इस बात का मौका नहीं मिलता कि नाटक (pretend) करें।
 
इसका एक और नुकसान यह है कि शिक्षक को भी इस बात की झलक नहीं मिलेगी कि हर बच्चे के निविक्षे में क्या मौजूद है। शिक्षक के कार्यां में बच्चे के ही पक्ष को उजागर करने की प्रवृत्ति होती है। पीछे हटकर बच्चे को अपने साथियों के साथ आदान-प्रदान करते देखकर ही शिक्षक यह समझ पाएगा कि भिन्न सामाजिक संदर्भों में उसकी संभावनाएँ क्या हैं। भिन्न सामाजिक संदर्भ शिक्षक को बच्चे का वह पक्ष दिखाएंगे जिसका उसको अन्य किसी तरह से पता नहीं चल सकता है।