"हिन्दू धर्म": अवतरणों में अंतर

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<big>'''[https://www.dailygyanhindi.in/2019/02/Hindu-dharm.html?m=1 हिन्दु धर्म क्या है]'''</big>
'''[https://www.dailygyanhindi.in/2019/02/Hindu-dharm.html?m=1 हिन्दू धर्म]''' ([[संस्कृत भाषा|संस्कृत]]: [[सनातन धर्म]]) एक [[धर्म]] (या, जीवन पद्धति) है जिसके अनुयायी अधिकांशतः [[भारत]] ,[[नेपाल]] और [[मॉरिशस]] में बहुमत में हैं। इसे विश्व का प्राचीनतम धर्म कहा जाता है। इसे 'वैदिक सनातन वर्णाश्रम धर्म' भी कहते हैं जिसका अर्थ है कि इसकी उत्पत्ति मानव की उत्पत्ति से भी पहले से है।<ref>[https://en.wikipedia.org/wiki/Hinduism#CITEREFKnott1998 Knott 1998, p. 5.]</ref> विद्वान लोग [https://www.dailygyanhindi.in/2019/02/Hindu-dharm.html?m=1 हिन्दू] [https://www.dailygyanhindi.in/2019/02/Hindu-dharm.html?m=1 धर्म] को भारत की विभिन्न संस्कृतियों एवं परम्पराओं का सम्मिश्रण मानते हैं जिसका कोई संस्थापक नहीं है।
 
<big>[https://www.dailygyanhindi.in/2019/04/hindu-dharm-ke-dharmik-pustak_6.html?m=1 '''हिन्दु धर्म के धार्मिक पुस्तक''']</big>{{सन्दूक हिन्दू धर्म}}
'''[https://www.dailygyanhindi.in/2019/02/Hindu-dharm.html?m=1 हिन्दू धर्म]''' ([[संस्कृत भाषा|संस्कृत]]: [[सनातन धर्म]]) एक [[धर्म]] (या, जीवन पद्धति) है जिसके अनुयायी अधिकांशतः [[भारत]] ,[[नेपाल]] और [[मॉरिशस]] में बहुमत में हैं। इसे विश्व का प्राचीनतम धर्म कहा जाता है। इसे 'वैदिक सनातन वर्णाश्रम धर्म' भी कहते हैं जिसका अर्थ है कि इसकी उत्पत्ति मानव की उत्पत्ति से भी पहले से है।<ref>[https://en.wikipedia.org/wiki/Hinduism#CITEREFKnott1998 Knott 1998, p. 5.]</ref> विद्वान लोग [https://www.dailygyanhindi.in/2019/02/Hindu-dharm.html?m=1 हिन्दू] [https://www.dailygyanhindi.in/2019/02/Hindu-dharm.html?m=1 धर्म] को भारत की विभिन्न संस्कृतियों एवं परम्पराओं का सम्मिश्रण मानते हैं जिसका कोई संस्थापक नहीं है।
 
यह धर्म अपने अन्दर कई अलग-अलग उपासना पद्धतियाँ, मत, सम्प्रदाय और दर्शन समेटे हुए हैं।<ref>{{cite web|url=https://blogs.timesofindia.indiatimes.com/toi-editorials/heterodox-hinduism-supreme-court-does-well-to-uphold-plural-eclectic-character-of-the-faith/|title=Heterodox Hinduism: Supreme Court does well to uphold plural, eclectic character of the faith}}</ref> अनुयायियों की संख्या के आधार पर ये विश्व का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है। संख्या के आधार पर इसके अधिकतर उपासक [[भारत]] में हैं और प्रतिशत के आधार पर [[नेपाल]] में हैं। हालाँकि इसमें कई देवी-देवताओं की पूजा की जाती है, लेकिन वास्तव में यह एकेश्वरवादी धर्म है।<ref>{{Cite web |title=श्रीमद्भगवद् गीता |quote=श्रीमद्भगवद्‌ गीता हिन्दू धर्म के पवित्रतम ग्रन्थों में से एक है। भगवान [[श्रीकृष्ण]] ने गीता का सन्देश [[पाण्डव]] राजकुमार [[अर्जुन]] को सुनाया था। यह एक स्मृति ग्रन्थ है। इसमें एकेश्वरवाद की बहुत सुन्दर ढंग से चर्चा हुई है। |archiveurl=https://web.archive.org/web/20090813044941/http://khabar.ndtv.com/MantrasListing.aspx?SectionName=Shrimadbhagwat%20Gita |archivedate=१३ अगस्त २००९}}</ref><ref>{{Cite web |title=श्रीमद्भगवद्गीता सातवाँ अध्याय |url=http://www.gitapress.org/books/sadhak/1014/Sadhak_Sanjivani_7.pdf |quote=यो यो यां यां तनुं भक्तः श्रद्धयार्चितुमिच्छति। तस्य तस्याचलां श्रद्धां तामेव विदधाम्यहम्॥७- २१॥}}</ref>
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इसे [[सनातन धर्म]] अथवा [[वैदिक धर्म]] भी कहते हैं। [[इण्डोनेशिया]] में इस धर्म का औपचारिक नाम "[[हिन्दु आगम]]" है। हिन्दू केवल एक धर्म या सम्प्रदाय ही नहीं है अपितु जीवन जीने की एक पद्धति है।<ref>[http://www.jagran.com/news/national-will-not-examine-hindutva-or-religion-at-this-stage-supreme-court-14928203.html हिन्दुत्व शब्द की दोबारा व्याख्या से सुप्रीम कोर्ट का इंकार]</ref>
 
हिन्दू धर्म की चार वर्ण
 
गीता वेद अनुसार वर्णित ==
जो ब्रह्म को जनता है ब्राम्ह्मण है ।
जो लोगों की सुरक्षा करता है वह यौध्दा क्षत्रिय है ।
जो व्यापार करता है सत्य से वेश्य है ।
जो हिंसा बलात्कार भेदभाव अश्लील भष्ट्राचार व्यभिचारी चोरी जैसे अमानवीय कृत्य करता है वह अधर्मी शूद्र है ।
 
परन्तु कालयुग में लोग उनके ज्ञान और कर्मो अनुसार ना जानकर अज्ञान वश उनके जन्म परिवार के अनुसार ही ब्राम्ह्मण क्षत्रिय वैश्य शूद्र जानेगे ।
 
___ ब्राम्ह्मण जाति ___ सामवेदी=ये सामवेद गायन करने वाले लोग थे इसमे सभी वर्णो के व्यक्ति सम्मिलित थे।ये राजाओ के यहाँ गायकी का कार्य करते थे।कालांतर में ये ब्राह्मण हो गए।
 
अग्निहोत्री =अग्नि में आहुति देने वाला।इसमे सभी जातियों के लोग सम्मिलित थे। क्योंकि शूद्रों को छोड़ कर अन्य सभी जातियों को अग्निहोत्र करना आवश्यक था।
 
त्रिवेदी=वे लोग जिन्हें तीन वेदों का था ज्ञान वे त्रिवेदी है
 
चतुर्वेदी=जिन्हें चारों वेदों का ज्ञान था।वेलोग चतुर्वेदी हुए।
 
वेदी=जिन्हें वेदी बनाने का ज्ञान था वे वेदी हुए आदि ।
 
क्षत्रिय ___राजपूत ठाकुर आदि ।
वैश्य__ बनिया मारवाड़ी आदि ।
शूद्र __धोबी चमारा देवर आदि ।
 
परन्तु संविधान में ब्राम्ह्मण और क्षत्रिय को सामान्य में रखा गया है ।
और जीतने भी शूद्र है उन्हें SC में रखा गया है ।
 
और जो वैश्य जिस राज्य में गरीब है उन्हें OBC में रखा गया है ।
 
और सभी वन्य संस्कृति कहा जाऐ तो मूल निवासी जो वह राज करते थे जो वर्ण से क्षत्रिय उन्हें ST में रखा गया है ।
____
 
लेकिन कुछ अज्ञानी ST स्वयं को शूद्र समझते है ऐसे तो वेदों पुराणों अनुसार मनुष्य के ज्ञान व कर्मो से ही उसका आकलन होता है ।
 
===== हिन्दू समाज
 
हिन्दू धर्म ______
हिन्दू समाज ===तमिल मराठी छत्तीसगढ़ी सिन्धी बंगाली बिहारी गुजराती आदि ।
हिन्दू वर्ण == ब्राम्ह्मण क्षत्रिय वैश्य और शूद्र ।
हिन्दू जाति ===गोंड हल्बा बनिया आदि ।
हिन्दू में गोत्र कुल वंश सरनेम परिवार होते है।
 
इसी प्रकार धर्म मुस्लिम ईसाई यहूदी सिख जैन बौध्द शिंतो ताओ कन्यफूजियस इसमें कई समाज शाखा उपशाखा सरनेम परिवार है ।
 
अल्प संख्यक ==== किसी भी धर्म समाज जाति की जनसंख्या कम होने पर रखी जाती है ।
 
== इतिहास ==
सनातन धर्म पृथ्वी के सबसे प्राचीन धर्मों में से एक है; हालाँकि इसके इतिहास के बारे में अनेक विद्वानों के अनेक मत हैं। आधुनिक इतिहासकार हड़प्पा, मेहरगढ़ आदि पुरातात्विक अन्वेषणों के आधार पर इस धर्म का इतिहास कुछ हज़ार वर्ष पुराना मानते हैं। जहाँ भारत (और आधुनिक पाकिस्तानी क्षेत्र) की [[सिन्धु घाटी सभ्यता]] में हिन्दू धर्म के कई चिह्न मिलते हैं। इनमें एक अज्ञात मातृदेवी की मूर्तियाँ, [[भगवान शिव]] [[पशुपति]] जैसे देवता की मुद्राएँ, शिवलिंग, पीपल की पूजा, इत्यादि प्रमुख हैं। इतिहासकारों के एक दृष्टिकोण के अनुसार इस सभ्यता के अन्त के दौरान मध्य एशिया से एक अन्य जाति का आगमन हुआ, जो स्वयं को '''आर्य''' कहते थे और संस्कृत नाम की एक [[हिन्द यूरोपीय]] भाषा बोलते थे। एक अन्य दृष्टिकोण के अनुसार [[सिन्धु घाटी सभ्यता]] के लोग स्वयं ही आर्य थे और उनका मूलस्थान भारत ही था।
 
आर्यों की सभ्यता को [[वैदिक सभ्यता]] कहते हैं। पहले दृष्टिकोण के अनुसार लगभग १७०० ईसा पूर्व में आर्य अफ़्ग़ानिस्तान, कश्मीर, पंजाब और हरियाणा में बस गए। तभी से वो लोग (उनके विद्वान ऋषि) अपने देवताओं को प्रसन्न करने के लिए वैदिक संस्कृत में मन्त्र रचने लगे। पहले चार वेद रचे गए, जिनमें [[ऋग्वेद]] प्रथम था। उसके बाद उपनिषद जैसे ग्रन्थ आए। हिन्दू मान्यता के अनुसार वेद, उपनिषद आदि ग्रन्थ अनादि, नित्य हैं, ईश्वर की कृपा से अलग-अलग मन्त्रद्रष्टा ऋषियों को अलग-अलग ग्रन्थों का ज्ञान प्राप्त हुआ जिन्होंने फिर उन्हें लिपिबद्ध किया। [[बौद्ध धर्म|बौद्ध]] और [[जैन धर्म|धर्मों]] के अलग हो जाने के बाद वैदिक धर्म में काफ़ी परिवर्तन आया। नये देवता और नये दर्शन उभरे। इस तरह आधुनिक [https://www.dailygyanhindi.in/2019/02/Hindu-dharm.html?m=1 हिन्दू धर्म] का जन्म हुआ।
 
दूसरे दृष्टिकोण के अनुसार हिन्दू धर्म का मूल कदाचित [[सिन्धु सरस्वती परम्परा]] (जिसका स्रोत मेहरगढ़ की ६५०० ईपू संस्कृति में मिलता है) से भी पहले की भारतीय परम्परा में है।
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== मुख्य सिद्धान्त ==
[[चित्र:Hindutempelcolombo.JPG|thumb|right|हिंदू मंदिर, श्री लंका]]
[https://www.dailygyanhindi.in/2019/02/Hindu-dharm.html?m=1 हिन्दू धर्म] में कोई एक अकेले सिद्धान्तों का समूह नहीं है जिसे सभी हिन्दुओं को मानना ज़रूरी है। ये तो धर्म से ज़्यादा एक जीवन का मार्ग है। हिन्दुओं का कोई केन्द्रीय चर्च या धर्मसंगठन नहीं है और न ही कोई "पोप"। इसके अन्तर्गत कई मत और सम्प्रदाय आते हैं और सभी को बराबर श्रद्धा दी जाती है। धर्मग्रन्थ भी कई हैं। फ़िर भी, वो मुख्य सिद्धान्त, जो ज़्यादातर हिन्दू मानते हैं, इन सब में विश्वास: धर्म (वैश्विक क़ानून), कर्म (और उसके फल), पुनर्जन्म का सांसारिक चक्र, मोक्ष (सांसारिक बन्धनों से मुक्ति--जिसके कई रास्ते हो सकते हैं) और बेशक, '''ईश्वर'''। हिन्दू धर्म स्वर्ग और नरक को अस्थायी मानता है। हिन्दू धर्म के अनुसार संसार के सभी प्राणियों में आत्मा होती है। मनुष्य ही ऐसा प्राणी है जो इस लोक में पाप और पुण्य, दोनो कर्म भोग सकता है और मोक्ष प्राप्त कर सकता है। हिन्दू धर्म में चार मुख्य सम्प्रदाय हैं : वैष्णव (जो विष्णु को परमेश्वर मानते हैं), शैव (जो शिव को परमेश्वर मानते हैं), शाक्त (जो देवी को परमशक्ति मानते हैं) और स्मार्त (जो परमेश्वर के विभिन्न रूपों को एक ही समान मानते हैं)। लेकिन ज्यादातर हिन्दू स्वयं को किसी भी सम्प्रदाय में वर्गीकृत नहीं करते हैं। प्राचीनकाल और मध्यकाल में शैव, शाक्त और वैष्णव आपस में लड़ते रहते थे। जिन्हें मध्यकाल के संतों ने समन्वित करने की सफल कोशिश की और सभी संप्रदायों को परस्पर आश्रित बताया।
 
संक्षेप में, हिन्‍दुत्‍व के प्रमुख तत्त्व निम्नलिखित हैं-हिन्दू-धर्म
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== इन्हें भी देखें ==
*[https://www.dailygyanhindi.in/2019/02/Hindu-dharm.html?m=1 [[हिन्दू धर्म का इतिहास]]
 
* [[नास्तिकता]]
* [https://www.dailygyanhindi.in/2019/02/Hindu-dharm.html?m=1 हिन्दु धर्म क्या है]
* [[अज्ञेयवाद]]
 
* [[हिन्दू राष्ट्रवाद]]
<br />
* [[बौद्ध धर्म]]
 
*[https://www.dailygyanhindi.in/2019/02/Hindu-dharm.html?m=1 हिन्दू धर्म का इतिहास]
*[[नास्तिकता]]
*[[अज्ञेयवाद]]
*[[हिन्दू राष्ट्रवाद]]
*[[बौद्ध धर्म]]
 
== सन्दर्भ ==