"छप्पय": अवतरणों में अंतर

No edit summary
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
छो अर्थहीन सम्पादन हटाये
पंक्ति 2:
{{आधार}}
'''छप्पय''' मात्रिक विषम [[छन्द]] है। यह भी संयुक्त छन्द है, जो [[रोला]] (11+13) चार पाद तथा [[उल्लाला]] (15+13) के दो पाद के योग से बनता है।
 
 
राज चतुर्वेदी बीना
 
उदाहरण (deepak chouhan)=
जिसकी रज मे लोट लोट कर बङे हुवे है
घुटनों के बल सरक सरक कर खङे हुवे है
परमहंस सम बाल्यकाल मे सब सुख पाए
जिसके कारण घूल भरे हीरे कहलाए
हम खेलें कुदे हर्षयुक्त जिसकी प्यारी गोद मे
है मात्रभूमि तुझको निरख मग्न क्यो न हो मोद मे
 
==बाहरी कड़ियाँ==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/छप्पय" से प्राप्त