"नरसिंहपुर ज़िला": अवतरणों में अंतर

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==== कांग्रेस आंदोलन ====
1885 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना के पश्चात जिले में आजादी के लिये आंदोलन की चिनगारी सदैव प्रज्वलित रही - लोकमान्य तिलक, महात्मा गांधी, पं. जवाहर लाल नेहरू, सुभाष चंद्र वोस प्रभूति नेताओं की प्रेरणा और नेतृत्व में जिले में स्वतंत्रता के लिये आंदोलन का जोश पूर्ण वातावरण रहा । जिले के नेताओं में गयादत्त, माणिकचंद कोचर, चौधरी शंकर लाल, चौधरी हरिशंकर शर्मा, ठाकुर निरंजन सिंह, श्याम सुंदर नारायण मुशरान आदि के नेतृत्व में जिले से बड़ी संख्या में आंदोलन कारी सक्रिय रहे । इसी एकता एवं उत्साह को भंग करने के लिये ब्रिटिश शासन ने 1932 में जिले को पुन: तोड़कर होशंगावाद जिले में मिला दिया गया । परंतु इससे आंदोलन और सत्याग्रह के उत्साह मे कोई शिथिलता नहीं आई । 1942 में चीचली मे सत्याग्राही जुलूस पर हुये गोली चालन में मंशाराम और गौरादेवी शहीद हो गये । सैंकडों आंदोलन-कारियों ने दमन चक्र को हंसते हंसते झेला और ब्रिटिश शासन के विरूद्ध त्याग और वलिदान की अनूठी परम्परा कायम की ।
 
== भूगोल ==