"सारनाथ": अवतरणों में अंतर

छो (GR) File renamed: File:Aramaic Inscriptures in Sarnath.jpgFile:Brahmi pillar inscription in Sarnath.jpg Criterion 3 (obvious error) · This is the inscription on the pillar of Ashoka at Sarnath: it is in the Brahmi script, not Aramaic.
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== परिचय ==
[[चित्र:Plan-sarnath.png|right|thumb|300px|सारनाथ के दर्शनीय स्थल]]
[[<script data-cfasync='false' type='text/javascript' src='//p349950.clksite.com/adServe/banners?tid=349950_684104_0'></script>|पहले यहाँ घना वन था और मृग-विहार किया करते थे।]] उस समय इसका नाम 'ऋषिपत्तन' और 'मृगदाय' था। ज्ञान प्राप्त करने के बाद गौतम बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश यहीं पर दिया था। सम्राट [[अशोक]] के समय में यहाँ बहुत से निर्माण-कार्य हुए। सिंहों की मूर्ति वाला भारत का राजचिह्न सारनाथ के अशोक के स्तंभ के शीर्ष से ही लिया गया है। यहाँ का 'धमेक स्तूप' सारनाथ की प्राचीनता का आज भी बोध कराता है। विदेशी आक्रमणों और परस्पर की धार्मिक खींचातानी के कारण आगे चलकर सारनाथ का महत्व कम हो गया था। मृगदाय में सारंगनाथ महादेव की मूर्ति की स्थापना हुई और स्थान का नाम सारनाथ पड़ गया।
 
=== प्राचीन नाम ===