"गंगा नदी": अवतरणों में अंतर

टैग: 2017 स्रोत संपादन
टैग: 2017 स्रोत संपादन
पंक्ति 131:
इस नदी की सफाई के लिए कई बार पहल की गयी लेकिन कोई भी संतोषजनक स्थिति तक नहीं पहुँच पाया।<ref>{{cite web|title=Ganga, Yamuna banks cleaned |trans-title=गंगा यमुना के किनारे पर सफाई |url= http://articles.timesofindia.indiatimes.com/2013-11-12/allahabad/43979274_1_yamuna-banks-ganga-and-yamuna-holy-river |publisher=द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया |date=१२ नवम्बर २०१३ |accessdate=३ जून २०१५ |language=अंग्रेज़ी}}</ref> प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद भारत के प्रधानमंत्री [[नरेन्द्र मोदी]] ने गंगा नदी में प्रदूषण पर नियंत्रण करने और इसकी सफाई का अभियान चलाया।<ref>{{cite web|title=Why Narendra Modi decided to contest from Varanasi |trans-title=नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी से चुनाव लड़ने का निर्णय क्यों लिया |url=http://articles.economictimes.indiatimes.com/2014-03-17/news/48297677_1_narendra-modi-nilanjan-mukhopadhyay-prime-ministerial-candidate |publisher=द इकोनॉमिक टाइम्स |date=१७ मार्च २०१४ |accessdate=३ जून २०१५ |language=अंग्रेज़ी}}</ref> इसके बाद उन्होंने जुलाई २०१४ में भारत के आम बजट में नमामि गंगा नामक एक परियोजना आरम्भ की।<ref>{{cite web|title=Namami Ganga development Project gets 2037 crores |trans-title=नमामि गंगा विकास परियोजना को २०३७ करोड़ मिले |url=http://news.biharprabha.com/2014/07/namami-ganga-development-project-gets-2037-crores/ |publisher=बिहार प्रभा |date=१० जुलाई २०१४ |accessdate=३ जून २०१५ |language=अंग्रेज़ी}}</ref> इसी परियोजना के हिस्से के रूप में भारत सरकार ने गंगा के किनारे स्थित ४८ औद्योगिक इकाइयों को बन्द करने का आदेश दिया है।<ref>{{cite web|title=निखरेगा गंगा का रूप, 48 फैक्ट्रियों को बंद करने का आदेश जारी हुआ |url=http://archive.patrika.com/news/48-industrial-units-polluting-ganga-asked-to-close-down/1017955 |publisher=पत्रिका समाचार समूह |date=१५ जुलाई २०१४ |accessdate=३ जून २०१५}}</ref>
 
==[https://tyrosx.com/the-ganga-river/ धार्मिक महत्त्व]==
[[चित्र:Ganga Aarti at Varanasi ghats.jpg|thumb|right|230px|वाराणसी घाट पर गंगा की आरती]]
[[भारत]] की अनेक धार्मिक अवधारणाओं में [[गंगा]] नदी को [[देवी]] के रूप में निरुपित किया गया है। बहुत से पवित्र [[तीर्थस्थल]] गंगा नदी के किनारे पर बसे हुए हैं, जिनमें [[वाराणसी]] और [[हरिद्वार]] सबसे प्रमुख हैं। गंगा नदी को भारत की नदियों में सबसे पवित्र माना जाता है एवं यह मान्यता है कि गंगा में स्नान करने से मनुष्य के सारे [[पाप|पापों]] का नाश हो जाता है। मरने के बाद लोग गंगा में राख विसर्जित करना [[मोक्ष]] प्राप्ति के लिए आवश्यक समझते हैं, यहाँ तक कि कुछ लोग गंगा के किनारे ही प्राण विसर्जन या [[अंतिम संस्कार]] की इच्छा भी रखते हैं। इसके घाटों पर लोग [[पूजा]] अर्चना करते हैं और ध्यान लगाते हैं। गंगाजल को पवित्र समझा जाता है तथा समस्त संस्कारों में उसका होना आवश्यक है। पंचामृत में भी गंगाजल को एक अमृत माना गया है। अनेक पर्वों और उत्सवों का गंगा से सीधा सम्बन्ध है। उदाहरण के लिए [[मकर संक्रांति]], [[कुंभ|कुम्भ]] और [[गंगा दशहरा]] के समय गंगा में नहाना या केवल दर्शन ही कर लेना बहुत महत्त्वपूर्ण समझा जाता है। इसके तटों पर अनेक प्रसिद्ध मेलों का आयोजन किया जाता है और अनेक प्रसिद्ध मंदिर गंगा के तट पर ही बने हुए हैं। महाभारत के अनुसार मात्र प्रयाग में माघ मास में गंगा-यमुना के संगम पर तीन करोड़ दस हजार तीर्थों का संगम होता है। ये तीर्थ स्थल सम्पूर्ण भारत में सांस्कृतिक एकता स्थापित करते हैं।<ref name="सिंह जुलाई १३-२३">{{cite book |last=सिंह|first=डॉ॰ राजकुमार |title=विचार विमर्श|year=जुलाई |publisher=सागर प्रकाशन|location=मथुरा |id= |page=१३-२३ |access-date=२२ जून २००९ }}</ref> गंगा को लक्ष्य करके अनेक भक्ति ग्रन्थ लिखे गये हैं। जिनमें श्रीगंगासहस्रनामस्तोत्रम्<ref>{{cite web |url= http://www.pustak.org/bs/home.php?bookid=6127|title= श्रीगंगासहस्त्रनामस्तोत्रम|access-date=[[२२ जून]] [[२००९]]|format=|publisher=भारतीय साहित्य संग्रह|language=}}</ref> और आरती<ref>{{cite web |url= http://bhavishyawani.mywebdunia.com/2009/02/25/gangaji_ki_aarti.html|title= श्रीगंगाजी की आरती|access-date=[[२२ जून]] [[२००९]]|format=|publisher=वेबदुनया|language=}}</ref> सबसे लोकप्रिय हैं। अनेक लोग अपने दैनिक जीवन में श्रद्धा के साथ इनका प्रयोग करते हैं। गंगोत्री तथा अन्य स्थानों पर गंगा के मंदिर और मूर्तियाँ भी स्थापित हैं जिनके दर्शन कर श्रद्धालु स्वयं को कृतार्थ समझते हैं। [[उत्तराखंड|उत्तराखण्ड]] के [[पंच प्रयाग]] तथा [[प्रयाग]]राज जो इलाहाबाद में स्थित है गंगा के वे प्रसिद्ध संगम स्थल हैं जहाँ वह अन्य नदियों से मिलती हैं। ये सभी संगम धार्मिक दृष्टि से पूज्य माने गये हैं।