"मिर्ज़ापुर": अवतरणों में अंतर

No edit summary
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
I am con help you
टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 1:
{{स्रोतहीन|date=सितंबर 2015}}
== Soni [[Dubey]]<ref>{{Cite web|url=www.shanidubey.com|title=|last=Sani Dubey|first=Mithilesh Dubey|date=10/10/10|website=Shanideafworld@gmail.com|archive-url=|archive-date=|dead-url=|access-date=}}</ref>==
{{Infobox Indian Jurisdictions |
native_name = मिर्ज़ापुर <!-- ध्यान दें, मीरजापुर नहीं है। -->|
type = शहर |
latd = 25.15 | longd = 82.58|
locator_position = right |
state_name = उत्तर प्रदेश |
district = [[मिर्ज़ापुर जिला|मिर्ज़ापुर]] |
leader_title = |
leader_name = Shani Dubey |
altitude = 80|
population_as_of = 2001 |
population_total = 2116042 |
population_density = |
area_magnitude= sq. km |
area_total = |
area_telephone = 5442 |
postal_code = 231001 |
vehicle_code_range = |
sex_ratio = |
unlocode = |
website = mirzapur.nic.in/|
footnotes = |
skyline = Pakkaghat_mirzapur.jpg|
skyline_caption = [[गंगा नदी]] पर पक्का घाट, मिर्ज़ापुर
}}
'''मिर्ज़ापुर ''' [[भारत]] के [[उत्तर प्रदेश]] राज्य का शहर है। यह [[मिर्ज़ापुर जिला]] का मुख्यालय है। पर्यटन की दृष्टि से मिर्जापुर काफी महत्वपूर्ण जिला माना जाता है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक वातावरण बरबस लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचती है। मिर्जापुर स्थित विन्ध्याचल धाम भारत के प्रमुख हिन्दू तीर्थ स्थलों में से एक है। इसके अतिरिक्त, यहां सीता कुण्ड, लाल भैरव मंदिर, मोती तालाब, टंडा जलप्रपात, विन्धाम झरना, तारकेश्‍वर महादेव, महा त्रिकोण, शिव पुर, चुनार किला, गुरूद्वारा गुरू दा बाघ और रामेश्‍वर आदि के लिए प्रसिद्ध है। मिर्जापुर वाराणसी जिले के उत्तर, सोनभद्र जिले के दक्षिण और इलाहाबाद जिले के पश्चिम से घिरा हुआ है। भारत का अंतराष्ट्रीय मानक समय मिर्जापुर जिले के अमरावती चौराहा के स्थान से लिया गया है मिर्जापुर "लालस्टोन" के लिये बहुत विख्यात है प्राचीन समय में इस स्टोन का मौर्य वन्श के राजा सम्राट् अशोक के द्वारा बौद्ध स्तुप को एवं अशोक स्तम्भ(वर्तमान में भारत का राष्ट्रीय चिन्ह ) को बनाने में किया था मिर्जापुर के लोगों की भाषा हिन्दी एवं भोजपुरी है
 
== नाम ==
 
जनपद के नाम को लेकर कई भ्रांतियां व्याप्त हैं। कुछ प्राचीन लोककथाओं के अनुसार विंध्याचल, अरावली एवं नीलगिरी से घिरे हुए क्षेत्र को विंध्यक्षेत्र के नाम से जाना जाता है। समयांतराल विंध्यक्षेत्र में विभिन्न क्षेत्रों का अलग अलग नामकरण हुआ। जैसे की मांडा के समीप के क्षेत्र पम्पापुर के नाम से, वर्तमान का अमरावती क्षेत्र गिरिजापुर के नाम से तथा आसपास का क्षेत्र सप्त सागर के नाम से विख्यात हुआ।