"गौरगोविन्द राय": अवतरणों में अंतर

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==प्रारंभिक जीवन==
वे गौर मोहन राय के पुत्र थे और अपने चाचा की देखरेखदेख-रेख में बड़े हुए। उन्होंने रंगपुर माध्यमिक विद्यालय में दसवीं तक पढ़ाई की और फिर पढ़ाई छोड़ दी। उन्होंने घर पर ही [[संस्कृत]] और [[फारसी]] का अध्ययन किया और कुछ समय तक मुस्लिम फकीर के सान्निध्य में 'दरस' को पढ़ा।<ref name = "Bose146">Sengupta, Subodh Chandra and Bose, Anjali (editors), 1976/1998, ''Sansad Bangali Charitabhidhan'' (Biographical dictionary) Vol I, [[बंगाली]] में, p. 146, {{ISBN|81-85626-65-0}}</ref>
 
वे 1863-1866 तक उप-पुलिस अधीक्षक थे। 25 वर्ष की आयु में उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और [[केशव चन्द्र सेन]] के शिष्य बनकर [[ब्रह्म समाज]] से जुड़ गए।<ref name = "Bose146"/>
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[[bn:গৌরগোবিন্দ রায়]]
[[ur:گور گووند رائے]]
 
== लेखन ==
{{विस्तार}}