"थाना": अवतरणों में अंतर

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'''थाना''' या '''पुलिस स्टेशन''' एक इमारत है जो पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के अन्य सदस्यों को समायोजित करने में काम आती है। इन इमारतों में अक्सर लॉकर, अस्थायी जेल कक्ष और पूछताछ के कमरे के साथ कर्मियों और वाहनों के लिए कार्यालय और आवास शामिल होते हैं। भारत में एक जिले में कई थाने होते हैं और उन्हें कई [[चौकी|चौकियों]] में विभाजित किया जाता है।
==इतिहास==
कदाचित शब्द थाना का प्रादुर्भाव [[तुलसीदास]] के समय में हो चुका था।
तुलसीदास कृत [[रामचरितमानस]] के उत्तर काण्ड में एक चाौपाई में थाना शब्द का उपयोग इस प्रकार हुआ है कि मानव शरीर के प्रत्येक [[इन्द्रिय]] द्वार पर [[देवता]] थाने के समान रखवाली के लिये तैनात रहते हैं।
 
इंद्रीं द्वार झरोखा नाना।
 
तहँ तहँ सुर बैठे करि थाना॥
==प्रचार==
[[ईस्ट इंडिया कंपनी]] द्वारा [[भारत]] में सुस्थिर शासन स्थापित होने पर पुलिस प्रशासन की प्रमुख इकाई के रूप में इसका प्रचार हुआ।
[[भारत]] एवं [[पाकिस्तान]] में थाना, पुलिस प्रशासन की प्रमुख इकाई है। नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों को पुलिस शासन की दृष्टि से अनेक उपक्षेत्रों में विभक्त कर दिया जाता है। प्रत्येक उपक्षेत्र को थाने की संज्ञा दी जाती है।
 
==इन्हें भी देखें==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/थाना" से प्राप्त