"शारदा देवी": अवतरणों में अंतर
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पंक्ति 48:
*ध्यान करो इससे तुम्हारा मन शांत और स्थिर होगा और बाद में तुम ध्यान न करे बिना रह नहीं पाओगे।
*चित्त ही सबकुछ हैं। मन को ही पवित्रता और अपवित्रता का आभास होता
*"मैं
*इंसान को अपने गुरु के प्रति भक्ति होनी चाहिए। गुरु का चाहे जो भी
== आगे अध्ययन के लिए ==
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