"ज्योतिराव गोविंदराव फुले": अवतरणों में अंतर
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== महात्मा की उपाधि ==
गरीबो और निर्बल वर्ग को न्याय दिलाने के लिए ज्योतिबा ने 'सत्यशोधक समाज' 1873 मे स्थापित किया। उनकी समाजसेवा देखकर
अपने जीवन काल में उन्होंने कई पुस्तकें भी लिखीं- तृतीय रत्न, छत्रपति शिवाजी, राजा भोसला का पखड़ा, किसान का कोड़ा, अछूतों की कैफियत
महात्मा ज्योतिबा व उनके संगठन के संघर्ष के कारण सरकार ने ‘एग्रीकल्चर एक्ट’ पास किया। धर्म, समाज और परम्पराओं के सत्य को सामने लाने हेतु उन्होंने अनेक पुस्तकें भी लिखी
==इन्हें भी देखें==
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[[श्रेणी:व्यक्तिगत जीवन]]
[[श्रेणी:
[[श्रेणी:ज्योतिबा फुले]]
[[श्रेणी:भारतीय समाजसेवी]]
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