"पाणिनि": अवतरणों में अंतर

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| caption = '''व्याकरणशास्त्रस्य रचनां कुर्वन् भगवान् पाणिनिः'''
| name = पाणिनिः <!-- deleting this line will use the article title as the page name -->
| birth_date = क्रैस्तपूर्वं7०० सप्तमशताब्दीई पू<name="paniniprebuddha"/>
| birth_place = शालातुरग्रामः (सद्यः पाकिस्थानस्य लाहौर-नगरस्य समीपे)
| death_date = त्रयोदश्यां तिथौ
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| influenced =
}}
'''पाणिनि''' (५००7०० ई पू) [[संस्कृत]] भाषा के सबसे बड़े [[वैयाकरण]] हुए हैं। इनका जन्म तत्कालीन उत्तर पश्चिम भारत के [[गांधार]] में हुआ था। इनके व्याकरण का नाम [[अष्टाध्यायी]] है जिसमें आठ अध्याय और लगभग चार सहस्र सूत्र हैं।<ref name="paniniprebuddha">{{cite web|url=https://scroll.in/article/811942/a-reminder-panini-didnt-destroy-lingual-diversities-with-his-sanskrit-grammar-he-unified-them|title=A reminder: Panini didn't destroy lingual diversities with his Sanskrit grammar, he unified them}}</ref> संस्कृत भाषा को व्याकरण सम्मत रूप देने में पाणिनि का योगदान अतुलनीय माना जाता है।
अष्टाध्यायी मात्र व्याकरण ग्रंथ नहीं है। इसमें प्रकारांतर से तत्कालीन भारतीय समाज का पूरा चित्र मिलता है। उस समय के भूगोल, सामाजिक, आर्थिक, शिक्षा और राजनीतिक जीवन, दार्शनिक चिंतन, ख़ान-पान, रहन-सहन आदि के प्रसंग स्थान-स्थान पर अंकित हैं।