"नई दिल्ली": अवतरणों में अंतर

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[[File:DelhiDurbar LordCurzon.jpg|thumb|left|250px|1903, दिल्ली दरबार में प्रवेश लेते हुए [[लॉर्ड_कर्जन|लॉर्ड कर्जन]] तथा [[लेडी_कर्जन|लेडी कर्जन]] ।]]
[[File:Delhi Durbar, 1911.jpg|thumb|250px|left|1911 का दिल्ली दरबार, मंच पर बैठे हुए जाॅर्ज पंचम तथा रानी मैरी। ]]
दिसंबर 1911 तक ब्रिटिश1912ब्रिटिश राज के दौरान भारत की राजधानी कलकत्ता (अब कोलकाता) थी।
दिल्ली, प्राचीन भारत और दिल्ली सल्तनत के कई साम्राज्यों के राजनीतिक और वित्तीय केंद्र के रूप में रह चुकी थी, खासकर 1694 से 1857 तक चले मुगल साम्राज्य के शासन के दौरान। सन् 1900 की शुरुआत के दौरान, ब्रिटिश प्रशासन को ब्रिटिश भारतीय साम्राज्य की राजधानी पूर्व तट के कलकत्ता से, दिल्ली बदलने का प्रस्ताव सौपा गया।<ref name="Delhi Move">{{cite news|url=https://blogs.wsj.com/indiarealtime/2011/11/11/why-delhi-the-move-from-calcutta/|title=Why Delhi? The Move From Calcutta|work=The Wall Street Journal|accessdate=16 November 2011|first=Tom|last=Wright|date=11 November 2011}}</ref> ब्रिटिश भारत सरकार ने महसूस किया की उत्तरी भारत के केंद्र में, दिल्ली से भारत का प्रशासन करना आसान होगा।<ref name="Delhi Move"/>
दिल्ली के नए शहर के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1894 के अंतर्गत की गई।<ref>[http://www.malchakls.org/land-aquisition-act-1894/ Land and Acquisition Act 1894].</ref>