"नागरीप्रचारिणी सभा": अवतरणों में अंतर

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=== पारिभाषिक शब्दावली ===
8 वर्ष के परिश्रम से काशी नागरी प्रचारणी सभा ने १८९८1901 में पारिभाषिक शब्दावली प्रस्तुत की। हिंदी में पारिभाषिक शब्द निर्माण के इस सर्वप्रथम सर्वाधिक सुनियोजित, संस्थागत प्रयास में [[गुजराती]], [[मराठी]] और [[बंगला]] में हुए इसी प्रकार के कार्यों का समुचित उपयोग किया गया। सभा का यह कार्य देश में सभी प्रचलित भाषाओं में वैज्ञानिक शब्दावली और साहित्य के निर्माण की शृंखलाबद्ध प्रक्रिया का सूत्रपात करनेवाला सिद्ध हुआ।
 
=== मुद्रणालय ===