"हिंदी साहित्य": अवतरणों में अंतर

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{{main|आदिकाल}}
 
हिन्दी साहित्य आदिकालको आलोचक १४०० ईसवी से पूर्व का काल मानते हैं जब [[हिन्दी]] का उद्भव हो ही रहा था। हिन्दी की विकास-यात्रा [[दिल्ली]], [[कन्नौज]] और [[अजमेर]] क्षेत्रों में हुई मानी जाती है। [[पृथ्वीराज चौहान]] का उस समय [[दिल्ली]] में शासन था और [[चंदबरदाई]] नामक उसका एक [[दरबारी कवि]] हुआ करता था। चंदबरदाई की रचना 'पृथ्वीराजरासो' है,जिसमें उन्होंने अपने मित्र पृथ्वीराज की जीवन गाथा कही है। '[[पृथ्वीराज रासो]]'हिंदी साहित्य में सबसे बृहत् रचना मानी गई है। [[कन्नौज]] का अंतिम [[राठौड़]] शासक [[जयचंद]] था जो [[संस्कृत]] का बहुत बड़ा [[संरक्षक]] था।
 
=== भक्ति काल (१३७५ – १७००) ===