"जनांकिकीय संक्रमण": अवतरणों में अंतर

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यह उच्च जन्मदर एवं उच्च मृत्युदर की धीमी जनसंख्या वृद्धि दर की अवस्था है । इसे जनसंख्या वृद्धि की अस्थिर अवस्था कहा जा सकता है । चूँकि इस अवस्था में जन्मदर व मृत्युदर दोनों ही प्रकृति पर आधारित होती है, अतः इसमें कभी धनात्मक तो कभी ऋणात्मक जनसंख्या वृद्धि होती है ।
 
इस अवस्था में जन्मदर व मृत्युदर दोनों ही '''30''' से '''35''' प्रति हजार के बीच होती है । यह वैसे देशों की विशेषता है, जहाँ समाज का ढाँचा परंपरावादी है । सामाजिक-आर्थिक पिछड़ेपन के कारण इस प्रकार के समाजों में उच्च जन्मदर व उच्च मृत्युदर मिलती है ।
 
एडम स्मिथ ने भी कहा है, कि जनांकिकी उर्वरता का अनुकूलतम वातावरण दरिद्रता द्वारा निर्धारित होता है, अर्थात् जो समाज जितना गरीब होगा, जनसंख्या वृद्धि उतनी ही तेज होगी । उदाहरण के लिए, [[इथियोपिया]], [[सोमालिया]], [[लाओस]], [[पापुआ न्यू गिनी]], आदि देश इस अवस्था के अंतर्गत लिए जा सकते हैं ।
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'''द्वितीय अवस्था (Second Stage):-'''
 
इसे जनसंख्या विस्फोट या संक्रमण की अवस्था भी कहते हैं । उच्च जन्मदर एवं घटती मृत्युदर इस अवस्था की प्रमुख विशेषता होती है । सामान्यतः जन्मदर '''40''' से '''50''' प्रति हजार एवं मृत्युदर '''15''' से '''20''' प्रति हजार के बीच होती है ।
 
विश्व के अधिकतर विकासशील देश इसी अवस्था में हैं, जहाँ चिकित्सा-सुविधा के विस्तार से मृत्युदर में तो कमी आ गई है, परंतु सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों में विशेष अंतर नहीं होने के कारण जन्मदर में अपेक्षित कमी नहीं आ पाई है । जैसे- जैसे द्वितीय अवस्था आगे बढ़ती है, जन्म दर में घीरे-धीरे गिरावट दिखाई देने लगती हैं। इस अवस्था वाले देशों में बेरोजगारी, अशिक्षा, बुनियादी सेवाओं की कमी, खाद्यान्न की कमी आदि की समस्या प्रमुख होती है ।
 
परंतु श्रमिकों की आपूर्ति बढ़ने से ‘सघन जीवन निर्वाह कृषि’ व अन्य विकास कार्य भी प्रारंभ होते हैं । उदाहरण के लिए [[अफ़्रीका|अफ्रीका]], [[लातिनी अमरीका|लैटिन अमेरिका]], [[म्यान्मार|म्यांमार]], [[लाओस|लाओस,]] [[इंडोनेशिया|इण्डोनेशिया]], [[ईरान]], [[सउदी अरब]] आदि इस अवस्था में आते देश हैं ।
 
'''तृतीय अवस्था (Third Stage):'''
 
यह जनसंख्या वृद्धि में ह्रास की प्रवृत्ति की अवस्था है । साक्षरता में प्रसार, छोटे परिवार के प्रति जागरूकता एवं बढ़ते हुए सामाजिक-आर्थिक विकास के कारण जन्मदर में कमी आती है तथा मृत्युदर भी घटता जाता है । इस अवस्था में जन्मदर '''20''' से '''30''' प्रति हजार तथा मृत्युदर '''10''' से '''15''' प्रति हजार होता है ।
 
इस प्रकार, इस अवस्था में धीमी जनसंख्या वृद्धि होती है । यह अवस्था [[पूर्वी यूरोप|पूर्वी यूरोप, मध्य एशिया, चीन]] आदि देशों में देखने को मिलती है । [[भारत]] भी इस अवस्था में '''1991''' ई. से प्रवेश कर गया है । उदाहरण के लिए [[इज़राइल|इजरायल]], [[पुर्तगाल]], [[स्पेन|न्यूजीलैण्ड, जापान, स्पेन]], [[चिली]] आदि इस अवस्था में आते देश हैं ।
 
'''चतुर्थ अवस्था (Fourth Stage):'''
 
यह जनसंख्या वृद्धि की स्थिर अवस्था है । इस अवस्था में जन्मदर एवं मृत्युदर दोनों ही न्यून हो जाते हैं । जन्मदर '''10''' से '''15''' प्रति हजार एवं मृत्युदर '''10''' से कम प्रति हजार होती है । यह विकसित समाज की विशेषता है । [[G-8]] के देश [[सिंगापुर]], [[हॉन्ग कॉन्ग|हांगकांग]], [[पश्चिमी यूरोप]] के देश आदि इसी अवस्था में आते हैं । भारत के इस अवस्था में पहुँचने की संभावना 2021 ई. तक है ।
 
==सन्दर्भ==