"उल्लाला": अवतरणों में अंतर

छो Savita Varshney (Talk) के संपादनों को हटाकर संजीव कुमार के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया
टैग: वापस लिया
छो अनुभाग क्रम बदला
टैग: 2017 स्रोत संपादन
पंक्ति 1:
{{for|कर्नाटक के शहर|उल्लाल}}
{{स्रोतहीन|date=मई 2019}}
'''''उल्लाला''''' छन्द हिन्दी [[छन्दशास्त्र]] का एक पुरातन [[छन्द]] है। <ref>{{cite web|url=http://www.divyanarmada.in/2013/01/blog-post_9864.html?m=1|title=छन्द सलिला : उल्लाला संजीव सलिल|work=divyanarmada.in|accessdate=1 May 2019}} </ref> इसकी स्वतंत्र रूप से कम ही रचना की गई है। [[आदिकाल|वीरगाथा काल]] में उल्लाला तथा [[रोला|रोले]] को मिलाकर [[छप्पय]] की रचना किये जाने से इसकी प्राचीनता प्रमाणित है। इसका एक उदाहरण निम्न है:-
<blockquote>
Line 47 ⟶ 46:
*[[हेमचंद्राचार्य]]
*[[पिंगल]]
 
== सन्दर्भ ==
{{Reflist}}
[[श्रेणी:छन्दशास्त्र]]
[[श्रेणी:छन्द]]
[[श्रेणी:हिन्दी छन्द]]
{{रस छन्द अलंकार}}
 
== सन्दर्भ ==
{{Reflist}}