"सियारामशरण गुप्त": अवतरणों में अंतर

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उन्हें दीर्घकालीन साहित्य सेवाओं के लिए सन् १९६२ में 'सरस्वती हीरक जयन्ती' के अवसर पर सम्मानित किया गया। १९४१ में उन्हें [[नागरी प्रचारिणी सभा]] [[वाराणसी जिला|वाराणसी]] द्वारा "सुधाकर पदक' प्रदान किया गया। उनकी समस्त रचनाएं पांच खण्डों में संकलित कर प्रकाशित हैं।
 
लम्बी बीमारी के बाद 2९ मार्च १९६३ ई. को उनका निधन हो गया।
 
== सन्दर्भ ==