"कुमाऊँनी भाषा": अवतरणों में अंतर

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कुमांऊँनी बोली एक अर्वचीन बोली है। लिपिबद्ध न हो सकने के कारण आज भी जस की तस आपसी वार्तालाप के माध्यम तक ही सीमित है। मध्य पीढ़ी के लोग कुमांऊँनी और [[हिन्दी]] दोनो भाषाओं में संवाद करते हैं। कुमांऊँनी, [[देवनागरी]] लिपि में लिखी जाती है। लिपिबद्ध न हो सकने के कारण कुमांऊँनी भाषा का कोई साहित्य उपलब्ध नहीं है।
 
== कुमांऊँनी बोली के प्रकार तथा भेद ==
ज़ैर का हिंदी अर्थ
कुमांऊँनी भाषा यानि बोली, कुमांऊँ क्षेत्र में विभिन्न रुपांतरणों में बोली जाती है जैसे:-
(सँ-स्त्री)-स्त्रोत-अरबी-फारसी (वि.) 1.नीचे की ओर 2.नीचे वाला 3.तले 4.निराश्रय (क्रि.-अ)-नीचे
* [[अल्मोड़ा जिला|अल्मोड़ा]] और उत्तरी [[नैनीताल जिला|नैनीताल]] में मध्य कुमांऊँनी।
(शब्द समूह )-1.हस्वज़ैर-इस प्रकार ,लिखे अनुसार 2.इक्ताज़ैर-अधीनस्थ 3.मंसा ज़ैर-इच्छानुसार 4.ज़ैर-ए-बहस - आनाकानी 5.ज़ेर-ए-लब-होंठो के नीचे छिपी मुस्कान
* [[पिथौरागढ़ जिला|पिथौरागढ़]] में उत्तर पूर्वी कुमांऊँनी।
* दक्षिण पूर्वी [[नैनीताल जिला|नैनीताल]] में दक्षिण पूर्वी कुमांऊँनी।
* पश्चिमी [[अल्मोड़ा जिला|अल्मोड़ा]] और [[नैनीताल जिला|नैनीताल]] में पश्चिमी कुमांऊँनी।
 
कुमांऊँ क्षेत्र में लगभगग २० प्रकार की बोलियाँ बोली जाती हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:- जोहारी, मझ कुमारिया, दानपुरिया, अस्कोटि, सिराली, सोरयाली, चुगरख्यैली, कमईया, गंगोला, खसपरजिया, फल्दकोटि, पछाइ, रौचभैसि.
== कुमांऊँनी बोली की उपबोलियाँ ==
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