"पाण्ड्य राजवंश": अवतरणों में अंतर

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== पाण्ड्य शब्द की उत्पत्ति ==
[[कात्यायन]] ने पांड्य शब्द की उत्पत्ति '[[पांडु]]' से बतलाई है जिससे पांडवों के साथ इनके सबंध की अनुश्रुति का समर्थन होता है। [[मेगस्थनीज़]] के अनुसार पांड्य देश में स्त्रियों का शासन था; पांड्य नाम हेरेक्लीज (कृष्ण के यूनानी पर्याय, जिस मेगस्थनीज़ ने शौरसेनों का उपास्य कहा है) की पुत्री पंडाइया के नाम पर पड़ा जिस उसके पिता ने ५०० हाथी, ४००० घुड़सवार और १,३०,००० पैदल सेना के साथ सुदूर दक्षिण का राज्य दिया जहाँ के ३६५ गाँवों के लोग क्रम से उसे पति दिन उपहार देते थे। [[अर्थशास्त्र (ग्रन्थ)|अर्थशास्त्र]] में पांड्यकवाट के मोती और मथुरा के सूती वस्त्रों का उल्लेख है। [[सम्राट अशोक|अशोक]] के दूसरे और १३वें शिलाभिलेख में पांड्यों का नाम दक्षिण के पड़ोसी राज्य के रूप में आता है; अशोक ने यहाँ मनुष्यों और पशुओं की चिकित्सा का प्रबंध कराया, आवश्यक औषधियों के उत्पादन की व्यवस्था कराई और 'धम्म' की शिक्षा के लिए अपने दूत भेजे। कलिंग नरेश खारबेल के पांड्य राज से मुक्ता, मणि और रत्न प्राप्त किए थे जो संभवत: विजयोपरांत उपहार के रूप में थे। यूनानी लेका स्ट्रैवो से पांड्य नरेश के द्वारा २० ई.पू. में रोमन सम्राट् आगस्टस के पास दूत भेजने की सूचना मिलती है। पेरिप्लस नाम के ग्रंथ और टालेमी ने पिंडनोई और उनकी नाजधानीराजधानी मदौरा का उल्लेख किया है।
 
== इतिहास ==