"खजुराहो": अवतरणों में अंतर

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'''खजुराहो''' [[भारत]] के [[मध्य प्रदेश]] [[प्रान्त]] में स्थित एक प्रमुख शहर है जो अपने प्राचीन एवं मध्यकालीन मंदिरों के लिये विश्वविख्यात है। यह मध्य प्रदेश के [[छतरपुर]] जिले में स्थित है। खजुराहो को प्राचीन काल में 'खजूरपुरा' और 'खजूर वाहिका' के नाम से भी जाना जाता था। यहां बहुत बड़ी संख्या में प्राचीन हिन्दू और जैन मंदिर हैं। मंदिरों का शहर खजुराहो पूरे विश्व में मुड़े हुए पत्थरों से निर्मित मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। खजुराहो को इसके अलंकृत मंदिरों की वजह से जाना जाता है जो कि देश के सर्वोत्कृष्ठ मध्यकालीन स्मारक हैं। भारत के अलावा दुनिया भर के आगन्तुक और पर्यटक प्रेम के इस अप्रतिम सौंदर्य के प्रतीक को देखने के लिए निरंतर आते रहते है। [[हिन्दू]] [[कला]] और [[संस्कृति]] को शिल्पियों ने इस शहर के पत्थरों पर मध्यकाल में उत्कीर्ण किया था। संभोग की विभिन्न कलाओंकामक्रीडाओं को इन मंदिरों में बेहद खूबसूरती के उभारा गया है।
 
== इतिहास ==
खजुराहो का इतिहास लगभग एक हजार साल पुराना है। यह शहर [[चन्देल]] साम्राज्‍य की प्रथम राजधानी था। [[चन्देल]] राजवंश|चन्देल वंश]] और खजुराहो के संस्थापक चन्द्रवर्मन थे। [[चन्द्रवर्मन]] मध्यकाल में बुंदेलखंड में शासन करने वाले गुर्जर राजा थे। वे अपने आप को चन्द्रवंशी मानते थे। चंदेल राजाओं ने दसवीं से बारहवी शताब्दी तक मध्य भारत में शासन किया। खजुराहो के मंदिरों का निर्माण 950 ईसवीं से 1050 ईसवीं के बीच इन्हीं [[चन्देल]] राजाओं द्वारा किया गया।<ref>http://whc.unesco.org/en/list/240</ref> मंदिरों के निर्माण के बाद चन्देलो ने अपनी राजधानी [[महोबा]] स्थानांतरित कर दी। लेकिन इसके बाद भी खजुराहो का महत्व बना रहा।
 
मध्यकाल के दरबारी कवि [[चंदबरदाई]] ने [[पृथ्वीराज रासो]] के महोबा खंड में [[चन्देल]] की उत्पत्ति का वर्णन किया है। उन्होंने लिखा है कि काशी के राजपंडित की पुत्री हेमवती अपूर्व सौंदर्य की स्वामिनी थी। एक दिन वह गर्मियों की रात में कमल-पुष्पों से भरे हुए तालाब में स्नान कर रही थी। उसकी सुंदरता देखकर भगवान चन्द्र उन पर मोहित हो गए। वे मानव रूप धारणकर धरती पर आ गए और हेमवती का हरण कर लिया। दुर्भाग्य से हेमवती विधवा थी। वह एक बच्चे की मां थी। उन्होंने चन्द्रदेव पर अपना जीवन नष्ट करने और चरित्र हनन का आरोप लगाया।
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==== लक्ष्मी मंदिर ====
लक्ष्मी मंदिर, लक्ष्मण मंदिर के सामने बना है|है।
 
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==== लक्ष्मण मंदिर, खजुराहो ====
 
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==== सिन्हसिंह मंदिर ====
यह मंदिर कंदरिया महादेव मंदिर और देवी जगदम्बा मंदिर के बीच बना है |
 
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==== देवी जगदम्बा मंदिर ====
 
कंदरिया महादेव मंदिर के चबूतरे के उत्तर में जगदम्बा देवी का मंदिर है। जगदम्बा देवी का मंदिर पहले भगवान विष्णु को समर्पित था और इसका निर्माण 1000 से 1025 ईसवीं के बीच किया गया था। सैकड़ों वर्षों पश्चात यहां छतरपुर के महाराजा ने देवी पार्वती की प्रतिमा स्थापित करवाई थी इसी कारण इसे देवी जगदम्बा मंदिर कहते हैं। यहां पर उत्कीर्ण मैथुन मूर्तियों में भावों की गहरी संवेदनशीलता शिल्प की विशेषता है। यह मंदिर शार्दूलों के काल्पनिक चित्रण के लिए प्रसिद्ध है। शार्दूल वह पौराणिक पशु था जिसका शरीर शेर का और सिर तोते, हाथी या वराह का होता था।
 
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Image:Khajuraho India, Vamana Temple, Roof; Photographed on 10-March-2012.JPG|वामन मंदिर, खजुराहो
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=== जावरी मंदिर ===
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===रेल मार्ग===
खजुराहो रेलवे स्टेशन से दिल्ली,आगरा,जयपुर,उदयपुर,वाराणसी,भोपाल, इन्दौर,उज्जैन के लिए रेल सेवा उपलब्दउपलब्ध है। दिल्ली और [[मुम्बई]] से आने वाले पर्यटकों के लिए [[झांसी]] भी सुविधाजनक रेलवे स्टेशन है। जबकि [[चेन्नई]] और वाराणसी से आने वालों के लिए [[सतना]] अधिक सुविधाजनक होगा। नजदीकी और सुविधाजनक रेलवे स्टेशन से टैक्सी या बस के माध्यम से खजुराहो पहुंचा जा सकता है। सड़कों की स्थिति बहुत अच्छी है।
 
===सड़क मार्ग===
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{{Reflist}}
[http://www.annonline.com/central-india-travel-guide/khajuraho.html Central India Travel Guide - Khajuraho]
अब तो खजुराहो के लिये सीधे रेल सुविधा उपलब्द है। दिल्ली, वाराणसी से रेल महोबा स्टेशन से होकर जाती है।
 
== अन्य पठनीय सामग्री ==
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== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://www.jagranyatra.com/2010/04/kandariya-mahadev-temple-temples-khajuraho/ खजुराहो : पत्थरों पर छवियां जीवन की]
* [http://www.bundelkhanddarshan.com बुंदेलखंड दर्शन डोट कॉम Bundelkhand Darshan]
* [http://whc.unesco.org/en/list/240 युनेस्को विश्व धरोहर स्थल सूची]
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[[श्रेणी:भारत के विश्व धरोहर स्थल]]
[[श्रेणी:मध्य प्रदेश में पर्यटन आकर्षण]]
[[मुझे इस वंश के बारे मैं बोहोत कुछ पता है]]