"आर्य प्रवास सिद्धान्त": अवतरणों में अंतर

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== मुख्य सिद्धान्त ==
विदेशी विद्वानों और हाल ही में आनुवंशिक अध्ययन के अनुसार आर्य १८०० से १५०० ईसा पूर्व मध्य एशिया महाद्वीप से भारतीय भूखण्ड में प्रविष्ट हुए।<ref>[https://en.wikipedia.org/wiki/Indo-Aryan_Migration_Theory Indo-Aryan Migration Theory], अंग्रेजी विकिपीडिया।</ref> अंग्रेजी शासनकाल में अंग्रेजी इतिहासकारों ने भारतीय संस्कृतादि भाषाओं और वेदों का अध्ययन किया । जिससे उन्हे लगा कि भारत के मूल निवासी काले रंग के लोग थे। उसी काल में वैदिक आर्य भारत आ गए और अपनी संस्कृति का प्रसार प्रारम्भ किया। वे ऋग्वेद नामक ग्रंथ भी भारत लाए जो उनका सबसे प्राचीन ग्रंथ था।<ref>आर्यों का आदिदेश, लेखक - लक्ष्मीदत्त दीक्षित (विद्यानन्द सरस्वती)</ref> अंग्रेजी विद्वान विलियम जोन्स के अनुसार [[संस्कृत]], [[ग्रीक]], [[लैटिन]], [[पर्शियन]], [[जर्मन]] आदि भाषाओं का मूल एक ही है, हालांकि संस्कृत उनसे कहीं विकसित है।<ref>[https://en.wikipedia.org/wiki/Indo-Aryan_Migration_Theory#Development_of_the_Aryan_Migration_theory Development of the Aryan Migration theory], विकिपीडिया पृष्ठ</ref>
 
=== शोध ===
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इस उपसिद्धांत के अनुसार वैदिक संस्कृति भारतीय प्राचीन संस्कृति न होकर [[सिन्धु घाटी की सभ्यता|सिन्धु घाटी की संस्कृति]] भारत की प्राचीन संस्कृति है।<ref name=":0" /> जो पूर्व से ही उन्नत संस्कृति थी, आर्यों ने उनपर आक्रमण कर दिया था। इस बात के प्रमाण तब मिले जब वहाँ सन् १९२० में खुदाई हुई। आर्यों की अधिक विकसितता के कारण [[हड़प्पा]], [[मोहनजो-दड़ो]] समाप्त हो गए। यह सिद्धान्त बहुंत समय तक मान्य रहा परन्तु कालान्तर के शोध के पश्चात् इसे खारिज़ कर दिया गया क्योंकि खुदाई से प्राप्त कंकालों में कहीं भी लड़ाई के चोंट आदि प्राप्य नहीं हैं। उनपर प्राकृतिक आपदा के संकेत हैं।
 
हाँलांकि आज योरोप में इस सिद्धान्त को ख़ारिज़ किया चुका है, परन्तु पूर्ण् रूप में नहीं । इस सिद्धान्त की आलोचना का विशेष कारण यह है कि सिद्धान्त पूर्णरूप से अंग्रेजी इतिहासकारों के द्वारा प्रतिपादित किया गया जिनका कहना था कि वह भारतीय तथा यूरोपीय अध्ययन के माध्यम से ही इस बात पर जोर दे रहे हैं।<ref>[https://hindi.rbth.com/arts/history/2017/03/30/kyaa-pshcim-ruusii-aur-bhaartiiy-sbhytaaon-kaa-muul-sthaan-hai_730641 क्या आर्य युरोप से भारत आए?] Rbth.com</ref> इसको आगे बढ़ाने में [[चर्च]] के अधिकारियों (जैसे रॉबर्ट कॉल्डवेल आदि) और औपनिवेशिक हितों का बड़ा हाथ रहा था। ध्यान दें कि सिद्धान्त के मुख्य प्रस्तावकों में से एक, [[मैक्समूलर]] कभी भारत नहीं आया ।
 
== आर्य आक्रमण या प्रयाण - विरोधी तर्क ==