"हर्यक वंश": अवतरणों में अंतर

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{{Infobox country
|conventional_long_name = Haryanka dynasty
|common_name = हर्यक वंश
|year_start = Middle of 6th century BCE
|year_end = 413 BCE
|p1 = Pradyota dynasty
|p2 = Kosala
|p3 = Vedic period
|s1 = Shishunaga dynasty
| image_map = Magadha Expansion (6th-4th centuries BCE).png
| image_map_caption = The approximate extent of the Haryanka dynasty between the 6th and 5th century BCE.
| capital = [[Rajgir|Rajagriha]]<br>later [[Pataliputra]]
|common_languages = [[Sanskrit]]<br>[[Magadhi Prakrit]]<br>[[Prakrit|Other Prakrits]]
|government_type = Monarchy
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'''हर्यक वंश''' <ref>[http://www.samanyagyan.com/general-knowledge/haryak-empire-rulers-names-and-history-in-hindi.php हर्यकवंश के शासक]</ref>
की स्थापना ५४४ ई. पू. में [[बिम्बिसार]] के द्वारा की गई। यह एक क्षत्रिय वंश है जिसका राजनीतिक शक्‍ति के रूप में [[मगध]] का सर्वप्रथम उदय हुआ। बिम्बिसार को मगध साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक माना जाता है। बिम्बिसार ने गिरिव्रज (राजगृह) को अपनी राजधानी बनायी। इसने वैवाहिक सम्बन्धों ([[कौशल नरेश प्रसेनजित की बहन महाकोशला]], [[वैशाली के चेटक की पुत्री चेल्लना]] एवं [[पंजाब की राजकुमारी क्षेमा ]])से शादी की नीति अपनाकर अपने साम्राज्य का विस्तार किया।
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==आम्रपाली==
यह वैशाली की नर्तकी एवं परम रूपवती काम कला प्रवीण वेश्या थी। [[आम्रपाली]] के सौन्दर्य पर मोहित होकर बिम्बिसार ने लिच्छवि से जीतकर राजगृह में ले आया। उसके संयोग से जीवक नामक पुत्ररत्‍न. हुआ। बिम्बिसार ने जीवक को तक्षशिला में शिक्षा हेतु भेजा। यही जीवक एक प्रख्यात चिकित्सक एवं राजवैद्य बना।
 
==अजातशत्रु==
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==उदयन==
अजातशत्रु के बाद ४६० ई. पू. मगध का राजा बना। बौद्ध ग्रन्थानुसार इसे पितृहन्ता लेकिन जैन ग्रन्थानुसार पितृभक्‍त कहा गया है। इसकी माता का नाम पद्‍मावती था।
* [[उदयन (राजा)|उदयन]] शासक बनने से पहले चम्पा का उपराजा था। वह पिता की तरह ही वीर और विस्तारवादी नीति का पालक था।
* इसने [[पाटलिपुत्र]] (गंगा और सोन के संगम) को बसाया तथा अपनी राजधानी राजगृह से पाटलिपुत्र स्थापित की।
* मगध के प्रतिद्वन्दी राज्य अवन्ति के गुप्तचर द्वारा उदयन की हत्या कर दी गई।