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[[Image:Amrapali greets Buddha Roundel 36 buddha ivory tusk.jpg|right|thumb|300px|महात्मा बुद्ध का स्वागत करती हुई आम्रपाली]]
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'''आम्रपाली''' बौद्ध काल में [[वैशाली]] के वृज्जिसंघ की इतिहास प्रसिद्ध [[लिच्छवि]] राजनृत्यांगना थी। इनका एक नाम 'अम्बपाली' या 'अम्बपालिका' भी है। आम्रपाली अत्यन्त सुन्दर थी और कहते हैं जो भी उसे एक बार देख लेता वह उसपर मुग्ध हो जाता था। [[अजातशत्रु]] उसके प्रेमियों में था और उस समय के उपलब्ध सहित्य में अजातशत्रु के पिता [[बिंबसार]] को भी गुप्त रूप से उसका प्रणयार्थी बताया गया है। आम्रपाली को लेकर भारतीय भाषाओं में बहुत से [[काव्य]], [[नाटक]] और [[उपन्यास]] लिखे गए हैं।
[[Image:Amrapali| greetscaption Buddha Roundel 36 buddha ivory tusk.jpg|right|thumb|300px|= महात्मा बुद्ध का स्वागत करती हुई आम्रपाली]]
| birth_date = 600-500 BCE
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| known_for = [[nagarvadhu]] (राजनृत्यांगना) of the republic of [[Vaishali (ancient city)|Vaishali]]
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'''आम्रपाली''' बौद्ध काल में [[वैशाली]] के वृज्जिसंघ की इतिहास प्रसिद्ध [[लिच्छवि]] राजनृत्यांगना थी।<ref>{{cite web|url=https://www.bhaskar.com/news/JM-JMJ-KAK-story-of-amrapali-nagarvadhu-and-gautam-buddha-5627675-PHO.html|title=इतिहास की सबसे खूबसूरत महिला को इसलिए बनना पड़ा था वेश्या, ये है कहानी / इतिहास की सबसे खूबसूरत महिला को इसलिए बनना पड़ा था वेश्या, ये है कहानी}}</ref> इनका एक नाम 'अम्बपाली' या 'अम्बपालिका' भी है। आम्रपाली अत्यन्त सुन्दर थी और कहते हैं जो भी उसे एक बार देख लेता वह उसपर मुग्ध हो जाता था। [[अजातशत्रु]] उसके प्रेमियों में था और उस समय के उपलब्ध सहित्य में अजातशत्रु के पिता [[बिंबसार]] को भी गुप्त रूप से उसका प्रणयार्थी बताया गया है। आम्रपाली को लेकर भारतीय भाषाओं में बहुत से [[काव्य]], [[नाटक]] और [[उपन्यास]] लिखे गए हैं।
 
अंबपाली बुद्ध के प्रभाव से उनकी शिष्या हुई और उसने अनेक प्रकार के दान से बौद्ध संघ का महत् उपकार किया। उस युग में राजनर्तकी का पद बड़ा गौरवपूर्ण और सम्मानित माना जाता था। साधारण जन तो उस तक पहुँच भी नहीं सकते थे। समाज के उच्च वर्ग के लोग भी उसके कृपाकटाक्ष के लिए लालायित रहते थे। कहते हैं, भगवान तथागत ने भी उसे "आर्या अंबा" कहकर संबोधित किया था तथा उसका आतिथ्य ग्रहण किया था। धम्मसंघ में पहले भिक्षुणियाँ नहीं ली जाती थीं, [[यशोधरा]] को भी बुद्ध ने भिक्षुणी बनाने से मना कर दिया था, किंतु आम्रपाली की श्रद्धा, भक्ति और मन की विरक्ति से प्रभावित होकर नारियों को भी उन्होंने संघ में प्रवेश का अधिकार प्रदान किया।
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इसमें संदेह नहीं कि अंबपाली ऐतिहासिक व्यक्ति थी, यद्यपि कथा के चमत्कारों ने उसे असाधारण बना दिया है। संभवत वह अभिजात कुलीना थी और इतनी सुंदर थी कि लिच्छवियों की परंपरा के अनुसार उसके पिता को उसे सर्वभोग्या बनाना पड़ा। संभवत उसने गणिका जीवन भी बिताया था और उसके कृपापात्रों में शायद मगध का राजा [[बिंबिसार]] भी था। बिंबिसार का उससे एक पुत्र होना भी बताया जाता है। जो भी हो, बाद में बुद्ध के उपदेश से प्रभवित हो आम्रपाली ने बुद्ध और उनके संघ की अनन्य उपासिका हो गई थी और उसने अपने पाप के जीवन से मुख मोड़कर अर्हत् का जीवन बिताना स्वीकार किया।
 
==इन्हें भी देखें==
==सन्दर्भ==
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== बाहरी कड़ियाँ ==
* [http://www.palikanon.com/english/pali_names/am/ambapaalii.htm Ambapālī (Ambapālikā) in Buddhist Dictionary of Pali names]