"आम्रपाली": अवतरणों में अंतर

No edit summary
No edit summary
पंक्ति 10:
| known_for = [[नगरवधू]] (राजनृत्यांगना) of the republic of [[वैशाली]]
}}
'''आम्रपाली''' बौद्ध काल में [[वैशाली]] के वृज्जिसंघ की इतिहास प्रसिद्ध [[लिच्छवि]] राजनृत्यांगना थी।<ref>{{cite web|url=https://www.bhaskar.com/news/JM-JMJ-KAK-story-of-amrapali-nagarvadhu-and-gautam-buddha-5627675-PHO.html|title=इतिहास की सबसे खूबसूरत महिला को इसलिए बनना पड़ा था वेश्या, ये है कहानी / इतिहास की सबसे खूबसूरत महिला को इसलिए बनना पड़ा था वेश्या, ये है कहानी}}</ref> इनका एक नाम 'अम्बपाली' या 'अम्बपालिका' भी है। आम्रपाली अत्यन्त सुन्दर थी और कहते हैं जो भी उसे एक बार देख लेता वह उसपर मुग्ध हो जाता था।<ref>http://articles.timesofindia.indiatimes.com/2013-01-31/books/31281015_1_amrapali-nagarvadhu-woman-warrior</ref> [[अजातशत्रु]] उसके प्रेमियों में था और उस समय के उपलब्ध सहित्य में अजातशत्रु के पिता [[बिंबसार]] को भी गुप्त रूप से उसका प्रणयार्थी बताया गया है। आम्रपाली को लेकर भारतीय भाषाओं में बहुत से [[काव्य]], [[नाटक]] और [[उपन्यास]] लिखे गए हैं।
 
अंबपाली बुद्ध के प्रभाव से उनकी शिष्या हुई और उसने अनेक प्रकार के दान से बौद्ध संघ का महत् उपकार किया। उस युग में राजनर्तकी का पद बड़ा गौरवपूर्ण और सम्मानित माना जाता था। साधारण जन तो उस तक पहुँच भी नहीं सकते थे। समाज के उच्च वर्ग के लोग भी उसके कृपाकटाक्ष के लिए लालायित रहते थे। कहते हैं, भगवान तथागत ने भी उसे "आर्या अंबा" कहकर संबोधित किया था तथा उसका आतिथ्य ग्रहण किया था। धम्मसंघ में पहले भिक्षुणियाँ नहीं ली जाती थीं, [[यशोधरा]] को भी बुद्ध ने भिक्षुणी बनाने से मना कर दिया था, किंतु आम्रपाली की श्रद्धा, भक्ति और मन की विरक्ति से प्रभावित होकर नारियों को भी उन्होंने संघ में प्रवेश का अधिकार प्रदान किया।