"वेदान्त दर्शन": अवतरणों में अंतर
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वेदान्त [[ज्ञानयोग]] की एक
वेदान्त की तीन शाखाएँ जो सबसे ज्यादा जानी जाती हैं वे हैं: [[अद्वैत वेदान्त]], [[विशिष्ट अद्वैत]] और [[द्वैत]]। [[आदि शंकराचार्य]], [[रामानुज]] और श्री [[मध्वाचार्य]] जिनको क्रमश: इन तीनो शाखाओं का प्रवर्तक माना जाता है, इनके अलावा भी [[ज्ञानयोग]] की अन्य शाखाएँ हैं। ये शाखाएँ अपने प्रवर्तकों के नाम से जानी जाती हैं जिनमें [[भास्कर]], [[वल्लभ]], [[चैतन्य]], [[निम्बारक]], [[वाचस्पति मिश्र]], [[सुरेश्वर]] और [[विज्ञान भिक्षु]]। आधुनिक काल में जो प्रमुख [[वेदान्ती]] हुये हैं उनमें [[रामकृष्ण परमहंस]], [[स्वामी विवेकानंद]], [[अरविंद घोष]], [[स्वामी शिवानंद]] [[स्वामी करपात्री]] और [[रमण महर्षि]] उल्लेखनीय हैं। ये आधुनिक विचारक [[अद्वैत वेदान्त]] शाखा का प्रतिनिधित्व करते हैं। दूसरे वेदान्तो के प्रवर्तकों ने भी अपने विचारों को भारत में भलिभाँति प्रचारित किया है परन्तु [[भारत]] के बाहर उन्हें बहुत कम जाना जाता है।
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