"गजानन महाराज": अवतरणों में अंतर

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'''गजानन महाराज''' [[Shegaon]] (Buldhana जिला), [[महाराष्ट्र]], [[भारत]] भारत के सुप्रसिद्द संतों में से एक संत है। संत गजानन महाराज संस्थान "[[विदर्भ]] क्षेत्र में सबसे बड़ा मंदिर ट्रस्ट है। गजान महाराज को तिहा प्ररथाम बंकट लाल ने शे
 
गावामेगाव मे देखा था.| बंकट लाल तत पश्यात गजान महाराज के भक्त बंन उस गमय शेगाव एकपछोटासा गाव था, जो आज एक बडा तीर्थ क्षेत्र बन चुका हे. महाराष्ट्र के कोने कोने से और भारत भर से भाविक गजानन महाराज के दर्षण प्राप्त करने शेगाव आते है.|
 
गाव महाराष्ट्र के बुलढाणा जि स्तिथ हे.
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श्री गजानन महाराज और श्री स्वामी समर्थ महाराज के बीच मे कई समानताएं है!|
 
 
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जब श्री स्वामी समर्थ महाराज ने अक्कलकोट में समाधी ली उसी के आसपास श्री गजानन महाराज शेगाव में प्रकट हुए इससे यही लगता है की अक्कलकोट के श्री स्वामी समर्थ महाराज ने अपना अगला
 
अवतार शेगाव में श्री गजानन महाराज के रूप में लिया| श्री गजानन महाराज प्रभू श्रीराम और श्रीकृष्ण की तरह अजानाबाहू थे|
 
वे श्री स्वामी समर्थ महाराज की तरह परमहंस संन्यासी भी थे!| श्री स्वामी समर्थ महाराज भी अजानबाहू थे!|
 
श्री गजानन महाराज गांजा पीते अवश्य थे किंतु वे ऐसे किसी भी पदार्थ की आसक्ति नहीं रखते थे!| केवल एक भक्त ने उनसे यह वरदान मांगा था की उस भक्त की याद में वे कभी कभी इस पदार्थ का सेवन करते रहे!| यह भक्त श्री क्षेत्र काशी से श्री गजानन महाराज के दर्शन के लिए आया था!|
 
उसने अपने अति प्रिय पदार्थ (गांजा) को अपने प्रभू को समर्पित करने का वायदा किया था!| उस वायदे को पूरा करने के लिए वह काशी से शेगाव आया था!| श्री गजानन महाराज के कई लीलाओं का वर्णन श्री दासगणु महाराज ने अपनी काव्यरचना "श्री गजानन विजय" में किया है!| यह ग्रंथ संत साहित्य में एक अति उत्तम ग्रंथ माना जाता है!| ये कई लोगो का अनुभव है की इसके नित्य पठन से स्वंय श्री गजानन महाराज उनकी हर मुसीबत में रक्षा करते है!|