"मेरठ": अवतरणों में अंतर

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* '''पांडव किला'''- यह किला मेरठ के (बरनावा) में स्थित है। महाभारत से संबंध रखने वाले इस किले में अनेक प्राचीन मूर्तियां देखी जा सकती हैं। कहा जाता है कि यह किला पांडवों ने बनवाया था। दुर्योधन ने पांडवों को उनकी मां सहित यहां जीवित जलाने का षडयंत्र रचा था, किन्तु वे एक भूमिगत मार्ग से बच निकले थे।
 
* '''शाही जामा मस्जिद''' - कोतवाली के निकट स्थित इस मस्जिद का यह निर्माण 11वीं शताब्दी में करवाया गया था। इसे [[उत्तर भारत]] की पहली मस्जिद माना जाता है।<ref>{{cite web|url=https://www.hindustantimes.com/lucknow/north-india-s-first-mosque-going-strong-after-999-years/story-jPfLPas0NYQVTpLYE6YvIN.html|title=North India’s first mosque going strong after 999 years}}</ref> कुछ का मानना है कि पहले उत्तर भारतीय मस्जिद दिल्ली में कुव्वत / कुब्बत उल इस्लाम और उसके बाद अजमेर में अदई[[अढ़ाई दीनदिन का झोंपड़ा]] है।
 
* '''शहीद स्मारक''' - शहीद स्मारक उन बहादुरों को समर्पित है, जिन्होंने 1857 में देश के लिए "प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम" में अपने प्राणों की आहुति दे दी। संग-ए-मरमर से बना यह स्मारक लगभग 30 मीटर ऊंचा है। 1857 का भारतीय विद्रोह 10 मई 1857 की संध्या को मेरठ से [[धन सिंह गुर्जर|कोतवाल धनसिंह गुर्जर]] ने कि थी जिसे प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम, गुर्जर विद्रोह और भारतीय विद्रोह के नाम से भी जाना जाता है।<ref>मेरठ डिस्ट्रिक्ट गजेटेयर, गवर्नमेन्ट प्रेस, 1963 पृष्ठ संख्या 52</ref> ब्रितानी शासन के विरुद्ध एक सशस्त्र विद्रोह था। यह विद्रोह दो वर्षों तक भारत के विभिन्न क्षेत्रों में चला। इस विद्रोह का आरंभ तब हुआ जब धनसिंह गुर्जर ने जेल पर हमला बोलने के लिए क्षेत्र के गांवो मे गुर्जरो को संदेस भेज दिए।<ref>वही, डेपाजिशन नम्बर 66</ref> <ref>डेपाजिशन संख्या 22, 23, 24, 25 एवं 26</ref> कुछ ही समय मे वहां 30,000 गुर्जर इकट्ठा होगए।<ref>डेपाजिशन नम्बर 54, 56, 59 एवं 60, आफ डेपाजिशन </ref> धनसिंह ने 836 कैदियो को रिहा कर अपने साथ शामिल कर लिया तथा भीड मेरठ शहर व सिविल लाईन मे प्रवेश कर गई जहां आंदोलन काफी उग्र हो गया और इसके बाद दादरी, बुलन्दशहर, सिकन्दराबाद, हापुड, गाजियाबाद, गुडगांव , फरीदाबाद ,दिल्ली व पास के क्षेत्रो मे गूजरो व अंग्रेजो के बीच भयंकर युद्ध हुए जिसने अंग्रेजी हुकुमत की जडे हिला दी। <ref>पांचली, घाट, गगोल आदि ग्रामों में प्रचलित किवदन्ती, बिन्दु क्रमांक 191, नैरेटिव ऑफ इवेन्टस अटैन्डिग द आऊट ब्रैक ऑफ डिस्टरबैन्सिस एण्ड दे रेस्टोरेशन ऑफ औथरिटी इन डिस्ट्रिक्ट मेरठ 1857-58, नवम्बर 406, दिनांक 15 नवम्बर 1858, फ्राम एफ0 विलयम्बस म्.59 सैकेट्री टू गवर्नमेंट नार्थ-वैस्टर्न प्राविन्स, इलाहाबाद, राष्ट्रीय अभिलेखागार, दिल्ली।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/मेरठ" से प्राप्त