"उपपुराण": अवतरणों में अंतर
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पूर्वोक्त प्राचीन तथा प्रसिद्ध उपपुराणों के अतिरिक्त उपपुराणों की दो और सूचियाँ मिलती हैं, जिन्हें अति पुराण एवं पुराण अथवा औप पुराण कहा गया है। अति पुराण के अंतर्गत सूची इस प्रकार है-- कार्तव, ऋजु, आदि, मुद्गल, पशुपति, गणेश, सौर, परानन्द, बृहद्धर्म, महाभागवत, देवी, कल्कि, भार्गव, वाशिष्ठ कौर्म, गर्ग, चण्डी और लक्ष्मी। पुराण अथवा औप पुराण के अन्तर्गत सूची इस प्रकार है-- बृहद्विष्णु, शिव उत्तरखण्ड, लघु बृहन्नारदीय, मार्कण्डेय, वह्नि, भविष्योत्तर, वराह, स्कन्द, वामन, बृहद्वामन, बृहन्मत्स्य, स्वल्पमत्स्य, लघुवैवर्त और ५ प्रकार के भविष्य।<ref>संक्षिप्त स्कन्दपुराणांक, गीताप्रेस गोरखपुर, संस्करण- संवत् २०५८, पृष्ठ-७,८.</ref>
इस सूची में 'महाभागवत' एवं 'देवी पुराण' के नाम अलग-अलग हैं जबकि ये दोनों नाम वस्तुतः एक ही पुराण के हैं।<ref>'श्रीलालबहादुर शास्त्री केन्द्रीय संस्कृत विद्यापीठ, नयी दिल्ली' से सन् १९७६ में इसका प्रकाशन 'देवीपुराणम्' के नाम से (मूलमात्र), 'इस्टर्न बुक लिंकर्स, दिल्ली' से सन् १९८३ में 'श्रीमहाभागवतपुराणम् (शाक्तसाम्प्रदायिकम्)' के नाम से (मूलमात्र), नवशक्ति प्रकाशन,
# बृहद्विष्णु
# विष्णुधर्म
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