"पुराण": अवतरणों में अंतर
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'''पुराण''', [[हिन्दू|
'पुराण' का शाब्दिक अर्थ है, 'प्राचीन' या 'पुराना'।<ref name=merriam>Merriam-Webster's Encyclopedia of Literature (1995 Edition), Article on Puranas, {{ISBN|0-877790426}}, page 915</ref> पुराणों की रचना मुख्यतः [[संस्कृत]] में हुई है, किन्तु कुछ पुराण क्षेत्रीय भाषाओं में भी रचे गए हैं।<ref name=johncort185/><ref name=gregorybailey>Gregory Bailey (2003), The Study of Hinduism (Editor: Arvind Sharma), The University of South Carolina Press, {{ISBN|978-1570034497}}, page 139</ref> [[हिन्दू]] और [[जैन धर्म|जैन]] दोनों ही धर्मों के वाङ्मय में पुराण मिलते हैं। <ref name=johncort185>John Cort (1993), Purana Perennis: Reciprocity and Transformation in Hindu and Jaina Texts (Editor: Wendy Doniger), State University of New York Press, {{ISBN|978-0791413821}}, pages 185-204</ref>
पुराणों में वर्णित विषयों की कोई सीमा नहीं है। इसमें [[ब्रह्माण्डविद्या]], देवी-देवताओं, राजाओं, नायकों, ऋषि-मुनियों की वंशावली, [[लोककथा]]
पुराणों में वैदिक काल से चले आते हुए सृष्टि आदि संबंधी विचारों, प्राचीन राजाओं और ऋषियों के परंपरागत वृत्तांतों तथा कहानियों आदि के संग्रह के साथ साथ कल्पित कथाओं की विचित्रता और रोचक वर्णनों द्वारा सांप्रदायिक या साधारण उपदेश भी मिलते हैं। पुराण उस प्रकार प्रमाण ग्रंथ नहीं हैं जिस प्रकार श्रुति, स्मृति आदि हैं।
पुराणों में विष्णु, वायु, मत्स्य और भागवत में ऐतिहासिक वृत्त— राजाओं की वंशावली आदि के रूप में बहुत
== पुराण के लक्षण ==
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