"गणधर": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
Fixed typo, Added links टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन Android app edit |
Fixed typo, Added links टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल एप सम्पादन Android app edit |
||
पंक्ति 1:
'''गणधर''' [[जैन दर्शन]] में प्रचलित एक उपाधि है। जो अनुत्तर, [[ज्ञान]] और [[दर्शन]] आदि <ref>{{वेब सन्दर्भ|last1=Jain Puja|title=ग्यारह गणधर|url=http://jainpuja.com/jain-puja/gyarah-gandhar.aspx|website=jainpuja.com|accessdate=१५ जनवरी २०१५}}</ref>[[धर्म]] के गण को धारण करता है वह गणधर कहा जाता है। इसको [[तीर्थंकर]] के शिष्यों के अर्थ में ही विशेष रूप से प्रयोग किया जाता है। गणधर को द्वादश अंगों में पारंगत होना आवश्यक है। प्रत्येक [[तीर्थंकर]] के अनेक गणधर कहे गए हैं।
[[महावीर स्वामी]] के 11 गणधर थे। उनके नाम, गोत्र और निवासस्थान इस प्रकार हैं:
|