"धनानंद": अवतरणों में अंतर

छोNo edit summary
टैग: यथादृश्य संपादिका मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
छो NirpendraK (Talk) के संपादनों को हटाकर Saroj Uprety के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया
टैग: वापस लिया
पंक्ति 16:
:(9) घनानंद
 
कुुछ अज्ञ ानी लोग मानते हैं. महराजा महापद्मनंद के दसवें पुत्र थे जिनकी मा मुरा महापद्मनंद की दूसरी पत्नी थी आगे जाके चंद्रनन्द चंद्रगुप्त मौर्य हो गया चंद्रनन्द के नाम से नन्द हटा कर चाणक्य जिसका दूसरा नाम विष्नु गुप्त का गुप्त जोड़ कर चंद्रगुप्त किया और चंद्रगुप्त की माँ के नाम मुरा के बदले मौर्य रखा आगे जाके अपने सौतेले भाई घनानंद को जो एक बुरा शासक था उसे मार कर मौर्य वंश की निम रखी।
 
कुुछचंद्र अज्ञनन्द ानीजोकि महान लोगसम्राट मानते हैं. महराजामहाराजा महापद्मनंद के दसवें पुत्र थे जिनकी मा मुरा महापद्मनंद की दूसरी पत्नी थी आगे जाके चंद्रनन्द चंद्रगुप्त मौर्य हो गया चंद्रनन्द के नाम से नन्द हटा कर चाणक्य जिसका दूसरा नाम विष्नु गुप्त का गुप्त जोड़ कर चंद्रगुप्त किया और चंद्रगुप्त की माँ के नाम मुरा के बदले मौर्य रखा आगे जाके अपने सौतेले भाई घनानंद को जो एक बुरा शासक था उसे मार कर मौर्य वंश की निम रखी।
किन्तु '''चन्द्रगुप्त मौॄर्य के पिता सर्वार्थसिद्धी मौर्य थे और इनके पिताजी पीपलीवन राज्य के राजा थे'''
 
इनमें से घनानंद नौवां पुत्र था। जो नंदवंश का आगे चलकर उत्तराधिकारी बना।
क इनके शासन व सुशासन काल का वर्णन करते है नन्दवंश न्याय (नाई) शासक द्वारा स्थापित राजवंश था।
 
अलग-अलग इतिहास कार अपने अपने पृथक तर्क से इनके शासन व सुशासन काल का वर्णन करते है नन्दवंश न्याय (नाई) शासक द्वारा स्थापित राजवंश था।
 
बौद्ध धर्म अपनी चरम सीमा मे था, अत: बहुत सी किताबों मे घनानन्द एक स्वतंत्र व आधुनिक बौध धर्म से प्रेरित बताया गया है॥