"सिविल प्रक्रिया": अवतरणों में अंतर

No edit summary
टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
No edit summary
टैग: ई-मेल पता जोड़ा मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन
पंक्ति 1:
{{आधार}}
सिविल मुकदमों (अर्थात् दीवानी) पर निर्णय देते समय न्यायालयों द्वारा पालन की जाने वाली आवश्यक प्रक्रिया एवं मानकों को '''सिविल प्रक्रिया''' (Civil procedure) कहते हैं। [[अपराध|आपराधिक]] [[मुकदमा|मुकदमों]] में दूसरी प्रक्रिया लागू होती है जिसे [[दण्ड प्रक्रिया]] कहते हैं। सिविल प्रक्रिया में दिए गए नियमों में स्पष्ट उल्लेख होता है कि-
* सिविल मुकदमों को कैसे आरम्भ किया जा सकता हैहै। इसके लिये वाद पत्र तैयार किया जाएगा, जिसमे निम्नलिखित चीजों को शामिल करना आवश्यक है-
1.वाद की विषयवस्तु के अनुसार न्यायालय का नाम, जहाँ वाद संस्थित किया जाएगा,
2.वाद लाने वाले वादी का नाम, उम्र, निवास स्थान के साथ,
3.प्रतिवादी का नाम, उम्र, निवास स्थान के साथ,
4.उन तथ्यों का उल्लेख जिस समय वाद हेतुक उत्पन्न हुआ,
5.न्यायालय की अधिकारिता,
6.वादी जो अनुतोष प्राप्त करना चाहता है।
Written by-sandeepkumarverma2014@gmail.com
 
* केस की सुनवाई किस-किस प्रकार से होगी,
* कथन (बयान) कैसे लिए जाएंगे,