"अहल अल-हदीस": अवतरणों में अंतर
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[[File:Be61c80fd8a88731dc0f7c0e1bfce477--arabic-quotes-islamic-quotes.jpg|thumb|Holy Mecca]]
'''अहले हदीस''' ([[फ़ारसी]]:اهل حدیث, [[उर्दू]]: اہل حدیث, ) एशिया में [[सुन्नी]] इस्लाम मानते हैं। इन्हें [[सलफ़ी सुन्नी]] भी कहा जाता है।सल्फ़ी, या अहले हदीस
इसी समुदाय को [[सल्फ़ी सुन्नी]] और [[अहले-हदीस]], [[अहले-तौहिद]] आदि के नाम से जाना जाता है। यह संप्रदाय चारों इमामों के ज्ञान, उनके शोध अध्ययन और उनके साहित्य की क़द्र करता है।
लेकिन उसका कहना है कि इन इमामों में से किसी एक का अनुसरण अनिवार्य नहीं है। उनकी जो बातें क़ुरान और हदीस के अनुसार हैं उस पर अमल तो सही है लेकिन किसी भी विवादास्पद चीज़ में अंतिम फ़ैसला क़ुरान और हदीस का मानना चाहिए। [[अहले
[[सल्फ़ी सुन्नी]] समूह का कहना है कि वह ऐसे इस्लाम का प्रचार चाहता है जो पैग़म्बर मोहम्मद के समय में था।
[[युरोप]],[[दक्षिण एशिया]] तथा [[मध्य पूर्व]] के अधिकांश इस्लामिक विद्वान उनकी विचारधारा से ज़्यादा प्रभावित हैं। अमेरिका में भी ज़्यादातर
== अभिप्राय ==
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